भाजपा ने दिल्ली में इस माह 42 बेघर लोगों की मौत को लेकर आप सरकार पर सवाल उठाए हैं। भाजपा ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रुचि दिखाई होती तो उनकी जिंदगियों को बचाया जा सकता था। भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने संवाददाताओं को बताया, "जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में कम से कम 42 बेघर लोगों की मौत हो गई और इस जानकारी की गृह मंत्रालय ने पुष्टि कर दी है।"
उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर से 250 से ज्यादा बेघर लोगों की मौत हो चुकी है।
बेघर लोगों के बजाए राज्यसभा चुनाव और उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने पर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद ने कहा, "अगर केजरीवाल ने राज्यसभा उम्मीदवारों के बजाए बेघर लोगों के प्रति रुचि दिखाई होती तो हमें इन मौतों के बारे में सुनने को नहीं मिलता।"
समग्र विकास केंद्र की रपट के मुताबिक, एक जनवरी, 2004 के बाद से दिल्ली में कम से कम 40,633 लोगों की मौत हो चुकी है।
रपट में यह भी दावा किया गया है कि अकेले दिसंबर में सड़कों पर 250 लोगों की मौत हुई है।
रपट के मुताबिक, एक से छह जनवरी तक 44 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक दो साल का बच्चा भी शामिल है।
भाजपा नेता ने यह भी कहा, "एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराना छोड़िए और सभी दलों की एक बैठक बुलाइए कि कैसे शहर में इन बेघर लोगों को बचाया जाए।"
तिवारी ने यह भी कहा कि जब उन्हें यह समाचार मिला, तभी वह शहर में बेघर लोगों के हालात देखने के लिए निकल पड़े।
उन्होंने कहा, "मैं यह देखकर हैरान था कि लोग कैसे खुले आसमान के नीचे यमुना के किनारे जानवरों के साथ और और सड़कों पर सोए हुए हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की मदद से भाजपा ने उत्तरी दिल्ली के कश्मीरी गेट पर 650 से ज्यादा लोगों के लिए अस्थायी आश्रय का प्रबंध किया है।
दिल्ली सरकार के मुताबिक, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड 251 आश्रयों को चला रहा है। जिनमें से 83 स्थाई इमारतों में और 113 पोर्टा-केबिन में चलाए जा रहे हैं। शीत सत्र के लिए टैंट के 55 अस्थायी आश्रय भी लगाए गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय अदालत के न्यायमूर्ति दलवीर भंड़ारी ने शनिवार रात दक्षिण दिल्ली स्थित सराय काले खां इलाके के दिल्ली सरकार के रैन बसरे का निरीक्षण किया। उन्होंने इनमें अधिक सुविधाओं की जरूरत पर जोर दिया।
भंडारी के साथ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे।