एक साल में बीजेपी को चंदे में मिले 800 करोड़ रुपए, कांग्रेस को सिर्फ 146 करोड़

बीजेपी (BJP) को इस साल (2018-19) में अब तक कुल 800 करोड़ रुपए का चंदा मिल गया है। चुनाव आयोग को यह जानकारी बीजेपी ने 31 अक्टूबर को दी थी। वही कांग्रेस को सिर्फ 146 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। वही दोनों पार्टियों को किसने कितना चंदा दिया इस पर नजर डाले तो भाजपा को सबसे बड़ा चंदा टाटा समूह द्वारा नियंत्रित संस्था प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने दिया है। इन्होने 356 करोड़ रुपए दिए है। चुनाव आयोग में जमा किए गए दस्तावेजों के मुताबिक भारत के सबसे धनी ट्रस्ट - द प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 67 करोड़ रुपए का चंदा दिया है। जबकि इसी ट्रस्ट ने कांग्रेस को 39 करोड़ रुपए चंदा दिया। इस ट्रस्ट को भारती ग्रुप, हीरो मोटोकॉर्प, जुबिलियेंट फूडवर्क्स, ओरिएंट सीमेंट, डीएलएफ, जेके टायर्स जैसे कॉरपोरेट घरानों का समर्थन मिला हुआ है।

कांग्रेस को सबसे ज्यादा चंदा इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिला है। इन्होने 98 करोड़ रुपए की राशी चंदे में दी है। वहीं, भाजपा को कुल 800 करोड़ की राशि में से करीब 470 करोड़ रुपए इलेक्टोरल ट्रस्ट से आए हैं। आदित्य बिड़ला समूह के जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट भाजपा को 28 और कांग्रेस को 2 करोड़ रुपए बतौर चंदा दिया। इसके अलावा, ट्रिम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 5 करोड़, हार्मोनी ग्रुप ने 10 करोड़, जनहित इलेक्टोरल ट्रस्ट और न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 2.5-2.5 करोड़ रुपए चंदे में दिए।

भाजपा को इन सभी ने दिए करोड़ों रुपयों के चंदे

- हीरो समूहः 12 करोड़
- लोढा डेवलपर्सः 4 करोड़
- मॉडर्न रोड मेकर्सः 15 करोड़
- जेवी होल्डिंग्सः 5 करोड़
- सोम डिस्टिलरीजः 4.25 करोड़
- आईटीसीः 23 करोड़
- निरमाः 5 करोड़
- प्रगति समूहः 3.25 करोड़
- माइक्रो लैब्सः 3 करोड़
- बीजी शिरके कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजीः 15 करोड़
- आदि एंटरप्राइजेजः 10 करोड़

बता दे, 20,000 रुपए या इससे अधिक चंदे की जानकरी चुनाव आयोग को दी जाती है। चुनावी बॉन्ड के रूप में प्राप्त चंदा भी इस जानकारी में शामिल नहीं होता। दस्तावेज में कहा गया कि भाजपा को व्यक्तियों, कंपनियों और चुनावी ट्रस्टों की ओर से भी चंदा मिला है।