असम की फाइनल लिस्ट के बाद मनोज तिवारी ने कहा - दिल्ली में भी लागू हो NRC

असम की राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई, जिसमें से लगभग 19 लाख लोगों के निकाल दिया गया। अंतिम सूची से 19,06,677 लोग निकाले गए हैं। सूची में 3,11,21,004 लोगों को भारतीय नागरिक बताया गया है। असम में एनआरसी लिस्ट जारी करते ही भाजपा दिल्ली के प्रमुख मनोज तिवारी ने राष्ट्रीय राजधानी में भी एनआरसी लागू किए जाने की मांग की है। मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तैयार करने की जरूरत है क्योंकि स्थिति खतरनाक होती जा रही है। अवैध अप्रवासी जो यहां बस गए हैं, वे सबसे खतरनाक हैं, हम यहां भी एनआरसी को लागू करेंगे।

वहीं एनआरसी के आंकड़े जारी होने के बाद कांग्रेस ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर बैठक चल रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी। लिहाजा बैठक में इसी को लेकर रणनीति भी बनाई जा सकती है। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और गौरव गोगोई भी शामिल हैं।

बहरहाल, जिन 19 लाख लोगों को एनआरसी लिस्ट में जगह नहीं मिली है, उनके लिए अब भी मौका है। केंद्र सरकार ने कहा है कि NRC की लिस्ट में जिसका नाम नहीं होगा उसे तुरंत विदेशी घोषित नहीं किया जाएगा। बल्कि उसे कानूनी लड़ाई लड़ने का समय दिया जाएगा। वे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में 120 दिन में अपील कर सकते हैं। असम सरकार राज्य के 400 विदेशी न्यायाधिकरणों की स्थापना करेगी, ताकि उन लोगों के मामलों से निपटा जा सके, जिन्हें अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से बाहर रखा गया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि मामले के निपटारे के लिए 1000 ट्रायब्यूनल अलग-अलग फेज में खोले जाएंगे। 100 ट्रायब्यूनल पहले से ही काम कर रहे हैं, जबकि सितंबर के पहले हफ्ते में 200 और ट्रायब्यूनल की शुरुआत की जाएगी। संजय कृष्णा ने कहा NRC की लिस्ट में जिनका नाम नहीं होगा, उन्हें तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। जब तक फॉरनर्स ट्रिब्यूनल अपना फैसला नहीं सुना देते। ये लोग पहले फॉरनर्स ट्रिब्यूनल (एफटी) जा सकते हैं और अगर एफटी के आदेश से भी संतुष्ट नहीं होते तो वे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं।