राजस्थान में बर्ड फ्लू: फलोदी में कुरजां पक्षियों में वायरस की पुष्टि

राजस्थान के फलोदी जिले में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैल गया है। खीचन क्षेत्र में मृत पाई गई डेमोसाइल क्रेन (कुरजां) पक्षियों की विसरा जांच में बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि हुई है। जांच के लिए यह सैंपल भोपाल की हाई सिक्योरिटी एनीमल डिजीज लैब भेजे गए थे। शनिवार को आई रिपोर्ट के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। खीचन क्षेत्र में अब तक सात कुरजां पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिससे अन्य पक्षी प्रजातियों पर भी संक्रमण के खतरे की आशंका बढ़ गई है। स्थानीय लोग इस क्षेत्र में कुरजां पक्षियों के नियमित प्रवास से परिचित हैं, लेकिन उनकी असामयिक मौतों ने सभी को चिंता में डाल दिया है।

रिपोर्ट आने के तुरंत बाद कलेक्टर एचएल अटल ने सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। पशुपालन, वन, पुलिस, चिकित्सा और स्वास्थ्य विभागों की एक संयुक्त बैठक बुलाई गई, जिसमें संक्रामक रोगों की रोकथाम और सर्वेक्षण के लिए ठोस उपायों पर चर्चा की गई। पशुपालन विभाग ने क्षेत्र में निगरानी और स्थिति के आकलन के लिए एक रेपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन किया है, जबकि वन विभाग ने कुरजां पक्षियों के प्रवास स्थलों पर निगरानी दल तैनात किए हैं। कुरजां पक्षियों के ठहराव और विचरण क्षेत्रों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

जिला प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि वे कुरजां पक्षियों के प्रवास वाले क्षेत्रों में जाने से बचें और मृत पक्षियों की जानकारी तुरंत संबंधित विभाग को दें। संक्रमण को रोकने और पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में वनकर्मियों की टीम तैनात की गई है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह वायरस अन्य पक्षियों और जानवरों में भी फैल सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है।

प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी संबंधित विभाग प्रभावी कदम उठाएं और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए पूरी सतर्कता बरतें। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन निगरानी और सावधानी बेहद जरूरी है। साथ ही, आम जनता से सहयोग की अपील की गई है ताकि इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। बर्ड फ्लू के इस प्रकोप ने प्रशासन और आम जनता को सतर्क कर दिया है और संक्रमण की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।