बिहार: 150 बच्चों की मौत पर अब हो रही है राजनीति, कांग्रेस नेताओं ने अस्पताल में भीड़ जुटाकर डाली इलाज में बाधा

बिहार में चमकी बुखार यानि एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से अब तक 155 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है और केवल मुजफ्फरपुर में 120 से ज्यादा बच्चों की जान चली गई है। बिहार में लगातार चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत पर पूरा देश आक्रोशित है लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद भी नेताओं का कलेजा नहीं पसीजा है।

आज मुजफ्फरपुर के अस्पताल में बिहार कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता पहुंचे। वहां पहुँच कर उन लोगों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस नेता सरकार और सरकार की व्यवस्था को लेकर कोसने लगे। हंगामे की वजह से मरीजों के परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के नेताओं ने मुजफ्फरपुर के अस्पताल में भीड़ जुटाकर बच्चों के इलाज में बाधा डाली।

बता दें कि बिहार में हर दिन बच्चों की जान जा रही है। ऐसे में बिहार और केंद्र सरकार पर चौतरफा दबाव पड़ रहा है। बिहार की नीतीश सरकार ने पहली बार चमकी बुखार के संबंध में कार्रवाई करते हुए श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भीमसेन कुमार कार्यस्थल पर लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। साथ ही प्रशासन का कहना है कि तैनाती के बाद भी बच्चों की मौत के मामले सामने आए और हालात पर काबू नहीं पाया जा सका। बिहार से स्वास्थ्य विभाग ने पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ भीमसेन कुमार को 19 जून को एसकेएमसीएच में तैनात किया था। उनकी तैनाती के बाद भी अस्पताल में बच्चों की मौतों का सिलसिला नहीं रुका। बच्चों की मौत होती रही।

बता दे, मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने प्रभावितों जिलों में 8 एडवांस लाइफ सेविंग एंबुलेंस (एएलएस) तैनात करने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत गंभीर रोगियों को लाने-ले जाने के लिए आठ एक्स्ट्रा एडवांस लाइफ सेविंग एंबुलेंस सेवा में तैनात की गई हैं। 10 चाइल्ड स्पेशलिस्ट्स और पांच पैरा-मेडिक्स की केंद्रीय टीमों को मरीजों के इलाज के लिए तैनात किया गया है और इन टीमों ने राज्य सरकार के साथ तालमेल करते हुए काम करना शुरू कर दिया है।

सोशल मीडिया पर उबाल

चमकी बुखार से हो रही मौतों को लेकर पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। लोगों का गुस्सा सरकार और स्वास्थ्य विभाग दोनों पर फूट रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोग तरह-तरह के पोस्ट कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार स्थिति से निपटने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। बच्चों की मौत जारी है। मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई है।