आरक्षित कुर्सी को लेकर थोड़ा मजाक क्या कर लिया, कुछ मित्र आनंदित हो गए : शिवराज चौहान

। उन्होंने कहा कि दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। मैं जा रहा हूं। माननीय मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अब कोई और बैठेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल के प्रशासनिक अकादमी में आनंद व्याख्यान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'दुनिया में कुछ भी परमानेंट नहीं है।' कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए शिवराज ने ये भी कहा, 'मैं तो जा रहा हूं। कुर्सी ख़ाली है। कुर्सी पर कोई भी बैठ सकता है।' उन्होंने कहा कि मुझे अभी झाबुआ और आलीराजपुर जाना है। वहां चार-पांच कार्यक्रम हैं। बीच कार्यक्रम में उठकर जाना अच्छा नहीं लगता, इसलिए इजाजत लेकर जा रहा हूं।

शिवराज के इस बयान के बाद कई तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। बयान ऐसे वक़्त आया है जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक से भोपाल लौटे है। 24 घंटे बाद यानी चार मई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी भोपाल आने वाले हैं। लिहाज़ा इस बयान को लेकर सियासी कयासबाज़ी तेज़ हो गई है।

कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले चुनावों में क्या बीजेपी आलाकमान ने चेहरा बदलने की तैयारी कर ली है या फिर अमित शाह के भोपाल दौरे के दौरान बीजेपी में कोई और बड़ा फेरबदल होने वाला है।

कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, शिवराज को हकीकत समझ आने लगी है। विधानसभा चुनावों में वक्त है, पर मुख्यमंत्री हताश होने लगे हैं। इस पर चौहान ने भी ट्वीटर पर सफाई दी। कहा कि कार्यक्रम में मेरे लिए आरक्षित कुर्सी को लेकर थोड़ा मजाक क्या कर लिया, कुछ मित्र आनंदित हो गए। चलो, मेरा आनंद व्याख्यान में जाना सफल हो गया।