भगतसिंह 28 सितम्बर 1907 को पंजाब में पैदा होने वाले भगतसिंह एक क्रांतिकारी सेनानी थे। जिन्होनें देश की आजादी के लिए अपना घर-परिवार सबकुछ त्याग दिया और अंत में 23 मार्च, 1931 को इन्हें फांसी की सजा सुना दी गई थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगत सिंह फांसी की सजा नहीं चाहते थे, बल्कि वे चाहते थे कि उन्हें गोली से उड़ाया जाए। और इसके लिए उन्होंने पंजाब के गवर्नर को पत्र भी लिखा था। आज हम आपको भगतसिंह के उसी पत्र के बारे में बताने जा रहे हैं।
‘अंत में हम केवल यह कहना चाहते हैं कि आपकी अदालत के फैसले के अनुसार हम पर सम्राट के विरुद्ध युद्ध करने का अभियोग लगाया गया है। और इस प्रकार हम युद्ध के शाही कैदी हैं। अतएव हमें फांसी पर न लटका कर गोली से उड़ाया जाना चाहिए।
इसका निर्णय अब आपके ही ऊपर है कि जो कुछ अदालत ने निर्णय किया है उसके अनुसार आप कार्य करेंगे या नहीं। हमारी आपसे विनम्र प्रार्थना है और हमें पूर्ण आशा है कि आप कृपा कर फौजी महकमे को आज्ञा देकर हमारे प्राण दंड के लिए एक फौज या पल्टन के कुछ जवान बुलवा लेंगे’ - सरदार भगत सिंह, मार्च 1931, लाहौर सेंट्रल जेल