डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मासूम को मिली मौत, गले में फंसी थी सुपारी, डॉक्टर निकाल नहीं सके

कई बार देखा जाता हैं कि अस्पताल में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मामले आगे रेफर कर दिए जाते हैं जिसमे समय बीतता हैं और मरीज की मौत को खतरा और बढ़ जाता हैं। ऐसी ही डॉक्टरों की लापरवाही के चलते राजस्थान में एक आठ साल के बच्चे ने अपनी जिंदगी खो दी। मामला रामगढ़ स्थित भोजराज की ढ़ाणी का है जहां 8 साल के युवराजसिंह पुत्र गंगासिंह के गले में श्वास नली में सुपारी का टुकड़ा अटक गया।

जिससे उस मासूम की हालत बिगड़ने लगी। परिजन उसे कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। जहां उसे जैसलमेर रेफर कर दिया गया। परिजन युवराज को जैसलमेर स्थित जवाहर अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन वहां भी रेफर करने की परिपाटी के तहत युवराज को जोधपुर रेफर कर दिया गया।

इसी बीच मासूम युवराज की हालत लगातार बिगड़ रही थी। परिजन युवराज को लेकर जोधपुर के लिए रवाना हुए लेकिन होनी को कुछ ओर ही मंजूर था। जोधपुर जाते समय बीच रास्ते युवराज जिंदगी की जंग हार गया। बेबस परिजन उसे वापस घर लाए और अंतिम संस्कार कर दिया।

लेकिन उपचार के अभाव में हुई युवराज की मौत जैसलमेर की चिकित्सा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर रही है। यहां विशेषज्ञ चिकित्सक के साथ संसाधनों के अभाव में युवराज का उपचार नहीं हो पाया। जैसलमेर का यह पहला मामला नहीं है उपचार के अभाव में कई जिंदगियां काल की ग्रास बन चुकी है। उसके बावजूद जैसलमेर की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। यहां चिकित्सकों की नियुक्ति के नाम पर जनप्रतिनिधि अपना क्रेडिट लेना नहीं भूलते लेकिन अस्पताल के हालात क्या है ये किसी से भी छिपे हुए नहीं है।

ऐसा अगर कोई मामला है तो मेरे ध्यान में नहीं है। लेकिन सुपारी वाला केस बहुत क्रिटिकल होता है। अपने पास उस कैडर के स्पेशलिस्ट नहीं है। साथ ही सुपारी वाले केस में उपकरण भी अलग चाहिए। इसके लिए आज ही लिस्ट बनाई है। उसे मंगवाया जाएगा। - डॉ। जे।आर। पंवार, पीएमओ, जवाहर अस्पताल जैस्लमेर