तेलंगाना में चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष अब्दुल्ला सोहेल शेख ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। तेलंगाना कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष अब्दुल्ला सोहेल शेख ने शनिवार को पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया। जिससे कांग्रेस के साथ उनका 34 साल पुराना जुड़ाव समाप्त हो गया। पार्टी के आलाकमान को संबोधित 8 पेज के इस्तीफे पत्र में उन्होंने फैसले को 'दर्दनाक अलविदा' कहा है। शेख ने सबसे पुरानी पार्टी से इस्तीफा देने के लिए मुख्य रूप से टीपीसीसी प्रमुख ए रेवंत रेड्डी के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया और मुस्लिम विरोधी बताया है।

रेवंत रेड्डी को बताया 'मुस्लिम विरोधी'


अब्दुल्ला सोहेल शेख ने अपने इस्तीफे में लिखा, '…जून 2021 में टीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में रेवंत रेड्डी के प्रवेश ने सब कुछ पूरी तरह से बदल दिया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को एक किराने की दुकान में बदल दिया, जहां भारी जेब वाले लोग जाकर कोई भी पोस्ट खरीद सकते थे। आज जो लोग पार्टी में शीर्ष पदों पर हैं, उनमें से अधिकांश ने कभी जमीन पर काम नहीं किया। उन्होंने कभी किसी आंदोलन में भाग नहीं लिया और न ही कभी गिरफ्तारी का सामना किया। उन्होंने अपनी मर्सिडेज़ में गांधी भवन में प्रवेश किया, लाल कालीन से उनका स्वागत किया गया, एक निश्चित राशि का भुगतान किया और एक शीर्ष स्थान खरीदा। दुर्भाग्य से कांग्रेस आलाकमान जो एक विशाल संगठनात्मक नेटवर्क और एक सक्रिय सतर्कता तंत्र का दावा करता है, उसको यह एहसास नहीं हुआ कि पार्टी मुख्यालय गांधी भवन को एक शॉपिंग मॉल में बदल दिया गया है।

सोनिया गांधी और राहुल गांधी रेवंत के भ्रष्टाचार से अनजान

शेख ने कई उदाहरणों का हवाला दिया जहां आगामी राज्य चुनावों के लिए पार्टी की विधानसभा सीटों के आवंटन की प्रक्रिया के दौरान कथित भ्रष्टाचार हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान विशेषकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी रेवंत के भ्रष्टाचार से अनजान रहे और उन्हें पिछले 2 साल में पार्टी को तोड़फोड़ करने की अनुमति दी।

पैसे देखकर खरीदा जा रहा है टिकट

उन्होंने आगे लिखा, हालांकि मैं टिकट का आकांक्षी नहीं था, लेकिन टिकटों के वितरण से मुझे बहुत दुख हुआ है। पार्टी के जो नेता अपने निर्वाचन क्षेत्र में दशकों से कड़ी मेहनत कर रहे थे, उन्हें कूड़ेदान में फेंक दिया गया। और जो लोग नकदी के भारी बैग लेकर आए थे, उन्हें टिकट सौंप दिया गया।