योगगुरु और पतंजलि योगपीठ के कर्ताधर्ता बाबा रामदेव का अब दिल्ली स्थित प्रसिद्ध मैडम तुसाद म्यूजियम में पुतला लगने जा रहा है। इसके लिए लंदन में मौजूद रामदेव से मैडम तुसाद स्टूडियो की टीम ने मुलाकात की और उनके कद-काठी की नाप के साथ-साथ उनके चेहरे के भावों को भी रेकॉर्ड किया गया है। बता दे, उनसे पहले स्वामी विवेकानंद का पुतला यहां लगाया जा चुका है। रामदेव ने कहा कि उन्होंने म्यूजियम में पुतला लगाने के लिए सहमति दे दी है। उन्होंने बताया कि इससे पूरी दुनिया से आने वाले पर्यटकों में योग और योगी के चरित्र के बारे में जानने की उत्सुकता जाग सकेगी। ऋषियों के साइंटिफिक, सेक्यूलर और सार्वभौमिक ज्ञान का प्रचार होना चाहिए।
मिली जानकारी के मुताबिक, बाबा रामदेव का जो पुतला म्यूजियम में लगाया जाएगा, वह भी मोम का ही बना होगा और इसमें वह वृक्षासन मुद्रा में नजर आएंगे। गौरतलब है कि योगगुरु से पहचान बनाने वाले रामदेव आज एक बहुत बड़े बिजनस ग्रुप के कर्ताधर्ता हैं। इसके अलावा रामदेव राजनीति में भी काफी हस्तक्षेप और प्रभाव रखते हैं। बता दें कि दिल्ली के मैडम तुसाद म्यूजियम में सात हिस्से बनाए गए हैं। रामदेव की मूर्ति फन ऐंड इंटरैक्टिव जोन में लगाई जाएगी। यहां आने वाले दर्शक उनकी मूर्ति के साथ सेल्फी भी ले सकेंगे। बाबा रामदेव ने इस बारे में कहा, 'मैं इसके लिए बहुत खुश हूं। उनकी टीम बहुत प्रभावशाली है। मैं भी अपनी मूर्ति देखने के लिए उत्साहित हूं।' गौरतलब है कि मूर्ति तैयार करने के लिए उनकी 200 से ज्यादा तस्वीरें ली गईं और उनकी भाव-भंगिमाओं को भी रिकॉर्ड किया गया।
नई दिल्ली म्यूजियम को सात खंडों में विभाजित किया गया है, जिसमें इतिहास, खेल, संगीत, फिल्म और राजनीतिक जगत की मशहूर 51 हस्तियों के मोम से बने पुतलों को रखा गया है। सलमान खान, टॉम क्रूज, राज कपूर, रणबीर कपूर, नरेंद्र मोदी, खेल खंड में मेरी कॉम, डेविड बेकहम, मिल्खा सिंह और उसैन बोल्ट के साथ ही भारतीय क्रिकेटर कपिल देव और सचिन तेंदुलकर भी हैं। इतिहास के खंड में महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, एपीजे अब्दुल कलाम और मोदी के मोम के पुतले हैं।