आमिर खान का वीडियो शेयर कर बाबा रामदेव ने 'मेडिकल माफिया' को दी चुनौती, कहा - हिम्मत है तो एक्टर के खिलाफ मोर्चा खोलें

योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से एलोपैथी चिकित्‍सा पर दिए बयान को लेकर शुरू हुआ विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बाबा रामदेव के बयान के बाद डॉक्‍टर्स के बीच भारी रोष है। डॉक्‍टर्स ने 1 जून को देशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी दी है। रेजिटेंड डॉक्टरों के एसोसिएशनों के परिसंघ ने शनिवार को कहा कि वे एक जून को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसे काले दिवस के रूप में मनाएंगे। परिसंघ ने बयान जारी कर रामदेव से सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। वहीं रामदेव लगातार एलोपैथी पर निशाना साध रहे हैं। ऐसे में शनिवार को योग गुरु रामदेव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के टीवी शो 'सत्‍यमेव जयते' का एक पुराना वीडियो शेयर किया है। इसके साथ उन्‍होंने लिखा है, 'इन मेडिकल माफियाओं में हिम्‍मत है तो आमिर खान के खिलाफ मोर्चा खोलें।'

दरअसल रामदेव की ओर से शेयर किए गए वीडियो में आमिर खान डॉ समित शर्मा से बातचीत कर रहे हैं। इस दौरान डॉ समित शर्मा जेनेरिक दवाओं और ब्रांडेड दवाओं के बीच कीमत के अंतर के बारे में बता रहे हैं। डॉ. समित आगे कह रहे हैं, 'WHO कहता है कि स्वतंत्रता के 65 वर्षों पश्चात, आज भी भारत की 65% जनसंख्या तक मुख्य दवाइयां नहीं पहुंच पाती हैं। सिर्फ उनकी कीमत की वजह से।'

शर्मा के मुताबिक चिकित्सा के व्यवसाय में उन कंपनियों की ब्रांडिंग की जाती है, जो महंगी दवाएं बनाती हैं। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि डायबिटीज की जो दवा बाजार में 117 रुपए मिलती है, उसे जेनेरिक मेडिसिन के नाम से खरीदें तो 1 रुपए 95 पैसे में उसकी 10 गोलियां मिल जाती हैं।

जब आमिर ने हैरान होकर पूछा कि क्या गोलियों में कोई अंतर होता है तो शर्मा ने बताया कि दोनों 100% सामान होती हैं। शर्मा ने कैंसर की दवा का उदाहरण भी दिया। उनके मुताबिक, बाजार में इसकी एक दवा एक महीने के लिए सवा लाख रुपए में मिलती है, जबकि जेनेरिक मेडिसिन के नाम से वही दवा 6 हजार, 8 हजार 8 सौ, और 10 हजार रुपए में उपलब्ध हो जाती है।

बता दे, कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर रामदेव द्वारा सवाल उठाने जाने पर विवाद खड़ा हो गया था। रामदेव ने कहा था, 'कोविड-19 के इलाज में एलोपैथी दवाओं के सेवन से लाखों लोगों की जान जा चुकी है।'