आतंकियों पर ड्रोन और राकेट लांचर से हमला, एक और जवान शहीद

अनन्तनाग। अनंतनाग आतंकी मुठभेड़ में भारतीय सेना अब आधुनिक तकनीक का सहारा ले रही है। पहाड़ी खोह में बैठे आतंकियों पर अब ड्रोन बम गिराया जा रहा है। इसके साथ ही राकेट लांचर से भी हमला शुरू किया गया है। आतंकी इस समय कोकेरनाग की एक पहाड़ी पर पोजीशन बनाए बैठे हुए हैं। यहीं से वह भारतीय सेना के जवानों को निशाना बना रहे हैं। अब तक तीन सैन्यकर्मी और एक पुलिसकर्मी शहीद हो चुका है और एक सैन्यकर्मी गुमशुदा है।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग के गडूल के जंगलों में लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को ऑपरेशन जारी है। सेना, पुलिस और सीआरपीएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के जवान पूरी सतर्कता के साथ मैदान में डटे हुए हैं। घने जंगल और पहाड़ के बीच आतंकियों के संदिग्ध ठिकाने पर ड्रोन से ग्रेनेड दागे गए हैं। बीच-बीच में गोलीबारी भी हो रही है।

सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में जख्मी एक और जवान की जान चली गई है। वह मुठभेड़ के दौरान लापता बताया जा रहा था। इस इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के दो दहशतगर्द घिरे हुए हैं। क्वाडकॉप्टर, ड्रोन व अन्य आधुनिक उपकरण से आतंकियों पर नजर रखी जा रही है। अभियान में पैरा कमांडो ने भी मोर्चा संभाल लिया है। घना जंगल और पहाड़ी इलाका होने के कारण इस विशेष दस्ते को उतारा गया है।

इसके अलावा पहाड़ी पर जहां आतंकियों का ठिकाना होने की आशंका है वहां रॉकेट दागे गए। बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों ने उजैर खान सहित लश्कर के दो आतंकवादियों को घेरा हुआ है।

इससे पहले, सुरक्षाबलों ने बुधवार की रात गुजरने के बाद वीरवार सुबह करीब छह बजे दोबारा दहशतगर्दों के खिलाफ अभियान शुरू किया था, जो शुक्रवार को भी जारी है। इस दौरान सुबह से देर शाम तक रुक-रुक कर फायरिंग की गई। आतंकियों से संपर्क साधने के लिए सुरक्षाबलों ने स्पेक्युलेटिव फायरिंग की, लेकिन दूसरी तरफ से जवाबी कार्रवाई नहीं हुई।

करीब 72 घंटे से चल रहे इस आपरेशन में अभी भी गोलीबारी चालू है। इस पहाड़ी में ही अनंतनाग का अंतिम सक्रिय आतंकी उजैर अहमद खान दो पाकिस्तानी आतंकियों के साथ छिपा हुआ है। ऐसे में भारातीय सेना एक तरफ से गोली चला रही है तो दूसरी तरफ से हेक्साकॉप्टर से बम गिरा रही है। इस आतंकी आपरेशन में अब हेरॉन ड्रोन को भी उतारा गया है।

मेजर आशीष पंचतत्व में विलीन


अनंतनाग आतंकी मुठभेड़ में शहीद मेजर आशीष धोनेक को पानीपत के लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। 'भारत माता के जयकारों' के बीच मेजर आशीष अपने पैतृक गांव बिंझौल में पंचतत्व में विलीन हो गए। सैन्य अधिकारी शहीद मेजर आशीष का शव लेकर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पहुंचे। यहां उनके अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा। हजारों नम आखों के साथ मेजर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ विदाई दी गई।