जयपुर : एटीएम में पैसे डालने वाला ही निकला ठगी का मास्टरमाइंड, सही करने के बहाने निकाले 55 लाख

राजधानी जयपुर में एटीएम से ठगी करने वाला अनोखा मामला सामने आया जहां एटीएम में पैसे डालने वाला ही ठगी का मास्टरमाइंड निकला। आरोपी तकनीकी खामी दूर करने के बहाने करीब 55 लाख रुपए निकाल ले गया। वारदात में कंपनी के कर्मचारी वीरेंद्र चाहर की भूमिका सामने आई है, जो कि फरार है। जिस घर में वह रहता था। वहां भी लॉक लगा हुआ है। पुलिस वारदात की तस्दीक के लिए घटना के दिन के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। ताकि वीरेंद्र चाहर की उसकी कारगुजारी का पता चल सके। लाखों रुपए की ठगी का पता चलने पर कंपनी के मैनेजर नरेश कुमार की तरफ से ज्योति नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है।

पुलिस के मुताबिक, रिपोर्ट में नरेश कुमार ने बताया कि कंपनी के कर्मचारी वीरेन्द्र चाहर और एक अन्य कर्मचारी एटीएम मशीनों में कैश डालने का काम करते थे। वे कैश वेन लेकर कई अलग-अलग बैंकों के सभी एटीएम मशीनों पर जाते थे। कैश डालने के दौरान दोनों कार्मिकों के मोबाइल फोन पर वेरिफिकेशन कोड आने पर काम पूरा माना जाता था। कंपनी का आरोप है कि वेरिफिकेशन कोड के आने के बाद वीरेंद्र चाहर जान बूझकर एटीएम मशीनों में गड़बड़ करता था। वह मशीनों में इरर छोड़ देता था और इसकी सूचना कैश डालने वाली कंपनी तक पहुंचाता था।

इसके बाद इस इरर को सही करने के बहाने वीरेंद्र चाहर बैंक के एटीएम पर जाता था। वहां मशीनें ठीक करने के नाम पर कैश ट्रे में भरी रुपयों की गड्‌डी चुरा लेता था। पड़ताल में सामने आया कि इरर सही करने का किसी तरह का मैसेज या वेरिफिकेशन कोड कंपनी से नहीं आता था। इसी का फायदा उठाकर वीरेंद्र चाहर ने शहर में करीब 8 से 10 बैंकों से धीरे धीरे करीब 55 लाख रुपए चुरा लिए। ऑडिट में यह गड़बड़ पकड़ी गई तब से वीरेंद्र चाहर फरार हो गया। इससे कंपनी का शक वीरेंद्र चाहर पर बढ़ गया। उसका मोबाइल फोन बंद आ रहा है।