NRC की फाइनल लिस्ट पर उठे सवाल, असम के मंत्री ने कहा - डेटा के साथ छेड़छाड़ की गई

असम (Assam) में एनआरसी (NRC) की फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई है। एनआरसी लिस्ट जारी होने के बाद असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने लिस्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें कई ऐसे लोगों के नाम शामिल नहीं हैं जो 1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आए थे।

सरमा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'एनआरसी में कई ऐसे भारतीय नागरिकों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं जो 1971 से पहले शरणार्थियों के रूप में बांग्लादेश से आए थे क्योंकि अधिकारियों ने शरणार्थी प्रमाण पत्र लेने से इनकार कर दिया।' सरमा ने कहा कि डेटा के साथ छेड़छाड़ की गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों के पहले किए अनुरोध के अनुसार सुप्रीम कोर्ट को सीमावर्ती जिलों में कम से कम 20 प्रतिशत और बाक़ी असम में 10 प्रतिशत फिर से वेरिफिकेशन की अनुमति देनी चाहिए।

उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं दोहराता हूं कि केंद्र और राज्य सरकारों के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट को सटीक और निष्पक्ष एनआरसी के लिए (सीमावर्ती जिलों में) कम से कम 20 प्रतिशत और (शेष जिलों में) 10 प्रतिशत फिर से वेरिफिकेशन की अनुमति देनी चाहिए।'

दोनों सरकारों ने खासकर बांग्लादेश की सीमा से लगे जिलों में एनआरसी में गलत तरीके से शामिल नाम और बाहर किए गए नाम का पता लगाने के लिए नमूनों के फिर से वेरिफिकेशन को लेकर न्यायालय से दो बार अपील की थी। न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में कड़े शब्दों में कहा था कि निश्चित पैमानों के आधार पर एनआरसी की पूरी प्रक्रिया फिर से शुरू नहीं की जा सकती।

बता दें कि असम में एनआरसी की आखिरी लिस्ट शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। एनआरसी की फाइनल लिस्‍ट असम एनआरसी की आधिकारिक वेबसाइट nrcassam.nic.in पर अपलोड कर दी गई है, जहां लोग अपना नाम चेक कर सकते हैं। इसके अलावा assam.mygov.in पर भी लोग देख सकते हैं कि उनका नाम एनआरसी लिस्‍ट में है या नहीं। जो लोग यहां अपना नाम देखने में असमर्थ हैं, वे एनआरसी सेवा सेवा केंद्र जाकर भी अपना नाम चेक करवा सकते हैं। असम के कई दूर-दराज के गांवों में एनआरसी में अपना नाम ऑनलाइन चेक करने के लिए साइबर कैफे भी बनाए गए हैं, जहां लोगों से कथित तौर पर एनआरसी में उनका नाम चेक करने के लिए 20-20 रुपये लिए जा रहे हैं। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और जबकि 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है।