असम में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के ड्राफ्ट को लेकर सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह जबरदस्त हंगामा हो रहा है। कांग्रेसी सांसद प्रदीप भट्टाचार्य और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे में सदन के बाहर असम मुद्दे को लेकर नोंकझोंक हो गई है। इस दौरान चौबे ने कहा कि देश के अवैध नागरिकों को बाहर निकाला जाए। वहीं भट्टाचार्य ने कहा कि ये लोग सदन को मिसलीड कर रहे हैं। इस दौरान दोनों ही नेताओं में काफी देर तक बहस होती रही।
बता दें कि असम में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के ड्राफ्ट को लेकर संसद के बाहर और भीतर विरोधी दल के सांसदों ने विरोध जताया है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'रोहिंग्या शरणार्थियों को राज्य सरकारें देश से बाहर कर सकती हैं'।
उन्होंने कहा, ' म्यांमार भेजने पर सरकार प्रक्रिया शुरू करेगी। रोहिंग्या पर सरकार ने दिशा-निर्देश जारी की हैं। सीमा सुरक्षा बल और आसाम राइफल्स को रोहिंग्या घुसपैठ रोकने के लिए तैनात किया गया है। राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है। उन्हें भारत आ चुके रोहिंग्या पर नजर बनाए रखने और मॉनिटर करने के साथ ही एक जगह पर रखने के लिए कहा गया है। उनसे कहा गया है कि वह उन्हें फैलने ना दें।' वहीं ममता बनर्जी आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने वाली हैं। ममता का कहना है कि हर राज्य में बाहर से आए लोग रहते हैं। ये एक चुनावी राजनीति है। राज्यसभा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, 'राजीव गांधी ने 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जोकि एनआरसी की तरह का था। उनके पास इसे लागू करने की हिम्मत नहीं थी। हमने कर दिया।'
वहीं राज्यसभा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आप बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाना चाहते हैं। घुसपैठियों की पहचान करने की हिम्मत आज तक किसी सरकार ने नहीं दिखाई। हंगामे के बीच राज्यसभा पहले 10 मिनट के लिए और फिर कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।