अलवर / कोरोना संकट के बीच बाघिन ने दी गुड न्यूज

कोरोना संकट के बीच अलवर सरिस्का बाघ परियोजना से मंगलवार को अच्छी खबर मिली है। सरिस्का में बाघिन (ST-12) ने 3 शावकों को जन्म दिया है। जंगल में लगाए गए कैमरों में तीनों शावक अपनी मां के साथ घूमते दिखाई दिए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना की चिंताओं के बीच बाघिन ST -12 ने अच्छी खबर दी है। सरिस्का बाघ अभयारण्य में अब 20 बाघ हो गए हैं। सरिस्का डीएफओ एसआर यादव ने बताया कि बाघिन ST-12 की तीन महीने से लगातार निगरानी की जा रही थी। बाघिन ST-12 की कैमरा ट्रैप में तीन शावकों के साथ फोटो आई है। बाघिन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वनकर्मी इलाके में लगातार नजर रख रहे हैं।

शावकों की उम्र 2 महीने से अधिक है। लॉकडाउन में सरिस्का से दूसरी बार वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर मिली है। इससे पहले 31 मार्च को बाघिन (ST-10) के साथ एक शावक पानी के कुंड में अठखेलियां करते हुए कैमरे ने कैद हुआ था। सरिस्का में अब बाघ-बाघिनों की संख्या 20 हो गई है। इनमें 10 बाघिन, 6 बाघ और 4 शावक हैं।

बाघिन ST-12 दूसरी बार बनी मां

बाघिन ST-12 दूसरी बार मां बनी है। इससे पहले सितंबर 2018 में इसी बाघिन ने 3 शावकों को जन्म दिया था। इनमें दो नर और एक मादा शावक थी। सरिस्का प्रशासन ने इनके नाम बाघिन ST-19 तथा बाघ ST-20 व ST-21 रखे हैं।

सरिस्का को 6 शावक दे चुकी बाघिन ST-12 की मां ST-10 है। ST-10 को जनवरी 2013 में रणथंभौर से सरिस्का में शिफ्ट किया था। उसके बाद उसकी बहन ST-9 भी आई थी। ST -9 व ST-10 की मां की रणथंभौर में मौत हो गई थी। उनका देखभाल एक बाघ ने की थी। बाद में इन दोनों बाघिनों को सरिस्का शिफ्ट कर दिया था।

शावकों का पता लगने के बाद बाघिन ST-12 व उसके शावकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सरिस्का के कर्मचारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। जिस इलाके में बाघिन और उसके शावक हैं, वह बाघ ST-13 का इलाका है। यही बाघ इन शावकों का पिता बताया जा रहा है। हालांकि, यह रेंज बाघिन ST-10 की भी टैरीटरी रहा है। इसने भी पहले तीन शावकों को जन्म दिया था।