माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर अनिल कुंबले ने लांच किया ‘पावर बैट’, बताएगा कितना दमदार है शॉट

मशहूर क्रिकेटर और टीम इंडिया के कप्तान रह चुके अनिल कुंबले के तकनीकी स्टार्टअप ‘स्पेक्टाकॉम टेक्नोलाजिस’ ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर एक ‘पावर बैट’ लांच किया है। जिसमें खेले गए सभी शॉट के आंकड़ो को इकट्ठा कर उसका एनेलिसिस किया जा सकता है। कुंबले की कंपनी ने इस बैट का निर्माण माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिल कर किया है और इसे 'पावर बैट' नाम दिया गया है।

पावर बैट बहुत हल्का है

- यह ‘पावर बैट’बहुत हल्का है और माइक्रोसॉफ्ट अजुर स्पेहर क्लाउड प्लेटफॉर्म, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सर्विस से लैस है।

- कंपनी का दावा है कि इससे क्रिकेटरों के खेल में निखार आएगा। ‘पावर बैट’ में एक चिप लगी होगी, जो यह आंकड़ा इकट्ठा करेगी कि क्रिकेटर किस प्रकार खेल रहा है।

- कंपनी का कहना है कि जब खिलाड़ी गेंद को बल्ले से हिट करेगा, ‘पावर बैट’ थोड़ा धंसेगा, जिससे इसमें लगी चिप उसकी गति, बल्ले पर गेंद पर पड़ने के बाद होने वाले टि्वस्ट, शॉट की क्वालिटी, बल्ले के विलो के स्वीट स्पॉट से गेंद का संपर्क होने के बाद शॉट की क्वालिटी समेत विभिन्न मानदंडों से जुड़ी सूचनाएं एकत्र करेगी।

- इन चीजों को मेज़रमेंट के एक अलग यूनिट में कन्वर्ट किया जाएगा जिसे Power Speks कहा जाएगा। इस डेटा को सिक्योर तरीके से कैप्चर किया जाएगा और अजुर स्फेयर के जरिए प्रोसेस किया जाएगा और एडवांस्ड एनालिटिक्स व AI सर्विस के जरिए रियल टाइम इनसाइट ब्रॉडकास्टर को दिया जाएगा। प्रेक्टिस और कोचिंग के दौरान इस डेटा को मोबाइल ऐप के जरिए एक्सेस किया जा सकता है। इस बैट का हार्डवेयर 'स्पेक्टाकॉम टेक्नोलाजिस' की ओर से बनाया गया है जबकि सॉफ्टवेयर और एनालिटिक्स को माइक्रोसॉफ्ट ने हैंडल किया है। हालांकि इस टेक्नोलॉजी को गुरुवार को लॉन्च किया गया लेकिन बहुत पहले से इसका ट्रायल किया जा रहा है। इस बैट को इस साल हुए तमिल नाडू प्रीमियर लीग में भी इस्तेमाल किया गया था।

‘पावर बैट’की लांचिंग के मौके कर कुंबले ने कहा, ‘हमारा मकसद रीयल-टाइम स्पोर्ट्स एनालिटिक्स का इस्तेमाल करते हुए प्रशंसकों को जोड़ना और खेल को उनके करीब लाना है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकें निर्बाध हों और खेल को बाधित न करें।’

माइक्रोसॉफ्ट के कार्यकारी उपाध्यक्ष पैगी जॉनसन ने बताया, ‘हम स्पेक्टाकॉम टेक्नोलाजिस से इसलिए जुड़े हैं, ताकि हम नई बातों और नए अनुभवों को क्रिकेट प्रशंसकों तथा खिलाड़ियों तक पहुंचा सकें। हमें उम्मीद है कि यह तकनीक खेल के अनुभव को पूरी तरह से बदल देगी।’