आंध्र प्रदेश जल्द ही भारत की पहली 'कौशल जनगणना' शुरू करेगा : नारा लोकेश

अमरावती। आंध्र प्रदेश के शिक्षा मंत्री नारा लोकेश ने गुरुवार को कहा कि राज्य भारत की पहली कौशल जनगणना पहल शुरू करेगा, जिसका उद्देश्य युवाओं के कौशल की पहचान करना और उन्हें बढ़ाना है ताकि उनकी रोजगार संभावनाओं में सुधार हो सके।

मंत्री ने कौशल विकास अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और उन्हें कौशल जनगणना करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि कौशल जनगणना का प्राथमिक लक्ष्य विस्तृत जानकारी एकत्र करना, कौशल विकास को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर प्रदान करना और इसके बाद युवाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार करना है।

इस पहल को शुरू में एक निर्वाचन क्षेत्र में शुरू किया जाएगा, उसके बाद पूरे राज्य में इसका विस्तार किया जाएगा।

उन्होंने कार्यक्रम के परिणामों को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को शामिल करने का भी सुझाव दिया, जिसमें गणनाकर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान करने और युवाओं में जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर बल दिया गया।

कौशल जनगणना के हिस्से के रूप में, सरकार विभिन्न क्षेत्रों में रुचि रखने वाले युवाओं की पहचान करेगी, उन्हें विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेगी और प्रतिष्ठित संगठनों के सहयोग से प्रमाणपत्र जारी करेगी। इन प्रमाणपत्रों से न केवल राज्य के भीतर बल्कि नौकरी डॉट कॉम और लिंक्डइन जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से और यहां तक कि अन्य राज्यों और देशों में भी नौकरी की संभावनाएं बढ़ने की उम्मीद है।

मंत्री ने राज्य और विदेश से बाहर शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए अपना विवरण ऑनलाइन दर्ज करने का प्रावधान करने की भी सिफारिश की। उन्होंने कहा कि कौशल जनगणना का अंतिम उद्देश्य युवाओं के कौशल को डिजिटल बनाना और उनके लिए बेहतर अवसर खोलना है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में आगामी सत्र में परिचालन प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देने का निर्णय लिया गया।

गुरुवार को हुई बैठक में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सचिव सौरभ गौर, कौशल विकास एमडी जी गणेश कुमार, एनएसीके एडीजी दिनेश कुमार, सीडीएपी सीईओ श्रीनिवासुलु और ओमकैप एमडी क्रांति समेत कई लोग शामिल हुए।