पंजाब के अमृतसर में प्रशासनिक लापरवाही से बड़ा हादसा हुआ है। हादसे के बाद लोगों में प्रशासन को लेकर काफी नाराजगी है। इस हादसे में तक़रीबन 100 लोगों के मारे जाने की खबर है। खबरों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू घटना के वक्त मंच पर मौजूद थी। हादसे के बाद वह वहां से चली गई। हादसा बड़ा दर्दनाक है और इसकी फोटो दिखाई नहीं जा सकती। हालांकि राहत एवं बचाव कार्य जारी है। हादसे के बाद रेलवे ने दुख जताया है, लेकिन सवाल ये उठ रहे हैं कि ये हादसा हुआ कैसे। रेलवे ट्रैक के समीप रावण दहन की इजाजत कैसे दी गई। इस रावण दहन के मौके पर यहां सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठी थी, इसी कारण हादसे में मरने वालों की संख्या इतनी है।
ये सभी लोग अमृतसर के जौड़ा फाटक के पास स्थित एक मैदान में दशहरा का उत्सव देख रहे थे। उत्सव देखते-देखते ये सभी लोग रेलवे ट्रैक पर आ गए। तभी अमृतसर- दिल्ली रेलवे ट्रैक पर सौ से अधिक स्पीड में दो ट्रेने आ गई। हादसा अमृतसर के रेलवे फाटक नंबर 27c के पास हुआ। डीएमयू 74943 और हावड़ा एक्सप्रेस एक साथ विपरीत दिशा में गई।
ये तीन वजह रही हादसे के मुख्य कारण- प्रशासन की पहली लापरवाही ये थी कि आयोजन के लिए कोई इजाजत नहीं दी गई थी।
- वहीं दूसरी सबसे बड़ी चूक मैदान में लगी एलईडी लाइटें को रेलवे ट्रैक की ओर लगा दिया गया था। जिस वजह से लोग रेल ट्रैक नहीं देख पाए।
- वहीं तीसरी सबसे बड़ी चूक पटाखों की आवाज को माना जा रहा। पटाखों का शोर इतना था कि लोगों को ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी और ये बड़ा हादसा हो गया।
हादसे के बाद रेलवे प्रशासन के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। वहीं राहत एंव बचाव कार्य शुरु कर दिया गया। दशहरा का आयोजन करने वाली कमेटी की सबसे बड़ी लापरवाही है। कार्यक्रम में नवजोत कौर सिद्धू मुख्य अतिथि थीं।
हादसे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दुख जताया है। उन्होंने कहा, अमृतसर में दुखद रेल दुर्घटना के बारे सुनकर चौंक गया हूं। दुख के इस घड़ी में सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को खुले रहने के लिए कहा गया है। जिला अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरु करने का निर्देश दिया गया।