नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली में जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में वह घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने के लिए सुरक्षाबलों और सैन्य अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दे सकते हैं। इसी महीने की 29 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ तीर्थयात्रा की तैयारियों और श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था की भी केंद्रीय गृह मंत्री समीक्षा कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बैठक के दौरान शाह ने आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश दिए। गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, जहां सुरक्षा बलों द्वारा आने वाले दिनों में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार चलाए जाएंगे।
उच्च स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक आरआर स्वैन और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे।
गृह मंत्रालय में आज जो बैठक चल रही है। उस जगह टेबल के पीछे स्पेशल फोकस ऑन जम्मू रीजन का पोस्टर लगा हुआ है। इस पोस्टर से यह जाहिर होता है की जम्मू रीजन को ध्यान में रखते हुए यह अहम बैठक गृह मंत्रालय में अमित शाह की अध्यक्षता में की जा रही है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने किस तरीके से अपनी रणनीति बदली है? वह जम्मू को निशाना बना रहे हैं। उस हिसाब से सुरक्षा और खुफिया एजेंसी के अधिकारी इस बैठक में मंथन कर रहे हैं।
गृह मंत्री ने 29 जून से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति, अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर बलों की तैनाती, घुसपैठ के प्रयासों, चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों की स्थिति और केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय आतंकवादियों की ताकत के बारे में जानकारी दी गई।
शाह ने यहां नॉर्थ ब्लॉक में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इससे तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसी तरह की बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमले सहित कई आतंकी घटनाओं के बाद आतंकवाद-रोधी क्षमताओं का पूरा स्पेक्ट्रम तैनात करें।
इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी शामिल हुए हैं। इसके साथ ही इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक आरआर स्वैन और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी भाग ले रहे हैं। सेना के चीफ, वाईस चीफ, सेना के 15 और 16 कोर कमांडर भी बैठक में मौजूद हैं।
अमित शाह जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति, अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर बलों की तैनाती व घुसपैठ के प्रयासों पर लगाम लगाने के लिए शीर्ष अधिकारियों से विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे। पिछले सप्ताह आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में एक बस पर हमला कर दिया था। इस आतंकी हमले में 10 लोगों की जान चली गई थी। रियासी के साथ ही आतंकियों ने कठुआ और डोडा जिले के अलग-अलग चार स्थानों पर भी हमले किए थे।
कठुआ जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए थे। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया था। इस बीच घाटी में आतंकी घटनाएं जून के अंत में शुरू हो रही अमरनाथ तीर्थयात्रा से पहले सामने आईं हैं। अमरनाथ तीर्थ यात्रा 29 जून से शुरू होकर और 19 अगस्त तक चलेगी।
पिछले सप्ताह के दौरान, आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार स्थानों पर हमला किया, जिसमें नौ तीर्थयात्री और एक सीआरपीएफ जवान की मौत हो गई और सात सुरक्षाकर्मी तथा कई अन्य घायल हो गए।
कठुआ जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
ये घटनाएं दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा से पहले हुई हैं।
अमरनाथ तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर में दो मार्गों - बालटाल और पहलगाम - से यात्रा करते हैं। सूत्रों ने बताया कि पिछले साल 4.28 लाख से अधिक लोगों ने गुफा मंदिर का दौरा किया था और इस बार यह आंकड़ा पांच लाख तक जा सकता है।
सभी तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी कार्ड दिए जाने की उम्मीद है ताकि उनके वास्तविक स्थान का पता लगाया जा सके और सभी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले प्रत्येक जानवर के लिए 50,000 रुपये का बीमा कवर भी होगा।
पिछले साल, शाह ने अधिकारियों को ऑक्सीजन सिलेंडर का पर्याप्त स्टॉक और उनकी रिफिलिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था और डॉक्टरों की अतिरिक्त टीमों की उपलब्धता के लिए कहा था। उन्होंने किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मेडिकल बेड और एम्बुलेंस और हेलीकॉप्टरों की तैनाती का आदेश दिया था।