जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में अमेरिकी M4 राइफल बरामद, फिर बेनकाब हुआ पाक-आतंक कनेक्शन

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भारतीय सेना ने एक बड़ी कार्रवाई के दौरान तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ के बाद सेना ने आतंकियों के पास से एक अमेरिकी M4 कार्बाइन राइफल, दो AK-47 राइफलें, 11 मैगज़ीन, 65 M4 कारतूस और 56 AK-47 की गोलियां बरामद की हैं।

यह मुठभेड़ किश्तवाड़ के छत्रू इलाके में हुई, जहां सेना की सतर्कता से एक बार फिर घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी गई। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैस-वैसे आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें भी तेज होती जा रही हैं। इसी के साथ सेना की आतंक-रोधी कार्रवाइयों में भी तेजी देखी जा रही है।

जिस M4 राइफल को बरामद किया गया है, वह पूरी तरह से अमेरिकी है। इससे पहले भी घाटी में इस तरह के हथियारों की बरामदगी हो चुकी है। पहली बार इस तरह की राइफल 2017 में पुलवामा में देखी गई थी, जब जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के भतीजे तल्हा रशीद को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।

अमेरिका के 2021 में अफगानिस्तान से सेना हटाने के बाद बड़ी मात्रा में हथियार वहीं छूट गए थे, जिन पर बाद में तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों ने कब्जा कर लिया। इन्हीं में शामिल M4 कार्बाइन अब जम्मू-कश्मीर में देखी जा रही है।

सेना के सूत्रों के अनुसार, अब आतंकी AK-47 और M4 कार्बाइन का मिश्रण लेकर आ रहे हैं। M4 स्टील बुलेट्स फायर करने में सक्षम है। 2023 में जम्मू में सेना के काफिलों पर हुए हमलों में भी इस हथियार के इस्तेमाल की आशंका जताई गई थी, खासकर कठुआ और रियासी के मामलों में।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक में पाकिस्तान के मिशन काउंसलर सैयद अतीफ रज़ा ने भी इस बात पर चिंता जताई थी कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) की मजीद ब्रिगेड को अफगानिस्तान से अमेरिकी हथियार मिल रहे हैं। उनके अनुसार, आतंकियों के पास अब अरबों रुपये के अमेरिकी हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान की सेना और आम नागरिकों पर हो रहा है।

किश्तवाड़ में बरामद हथियार उसी किस्म के हैं जिनका ज़िक्र पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में किया था, जिससे यह एक बार फिर साफ होता है कि सीमा पार से आतंक को लगातार समर्थन मिल रहा है।