कोरोना वैक्सीन को लेकर सामने आई बड़ी खबर, डॉ एंथोनी फाउची ने बताया कब आएगी Vaccine

दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 1 करोड़ 89 लाख 70 हजार 837 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 21 लाख 60 हजार 675 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। 7 लाख 11 हजार 108 की मौत हो चुकी है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में अब तक कोरोना के 49,73,568 संक्रमित मामले सामने आ चुके है वहीं, 1,61,601 मरीजों की मौत भी हुई है। इस वायरस से 25,40,137 ठीक भी हुए है। दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना की कारगर वैक्सीन बनाने के काम में जुटे हुए हैं और उसके सफल होने का दावा भी कर रहे हैं। अमेरिका की एक वैक्सीन बनाने वाली कंपनी नोवावैक्स (NOVAVAX) ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया है। कंपनी का कहना है कि उसकी वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाने में कारगर है और साथ ही साथ यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को भी बढ़ा रही है।

वैक्सीन के लिए कोई राजनीतिक दबाव नहीं डाला जाएगा

वहीं, इस बीच अमरीका के जाने-माने संक्रामक बीमारी विशेषज्ञ एंथोनी फाउची ने कहा है कि अमरीकी नियामकों ने वैज्ञानिकों को आश्वस्त किया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर कोई राजनीतिक दबाव नहीं डाला जाएगा।

बता दे, अमरीका में इसी साल नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव हैं और ऐसा कहा जा रहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप चाहते हैं कि चुनाव से पहले कोई प्रभावी वैक्सीन आ जाए। दरअसल, तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले के ओपिनियन पोल में रिपब्लिकन ट्रंप डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन से पीछे चल रहे हैं। कोरोना वायरस से निपटने में ट्रंप की भूमिका की आलोचना हो रही है और इसका असर मतदाताओं पर भी पड़ा है। ऐसे में ट्रंप बाइडन के सामने अलोकप्रिय हुए हैं। अगर अक्टूबर महीने तक वैक्सीन आ जाती है तो ट्रंप को चुनावी मदद मिल सकती है।

फाउची ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में कहा, 'हमें आश्वस्त किया गया है कि वैक्सीन को लेकर कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा। वैक्सीन को लेकर हम पर कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होगा। हमें बताया गया है कि वैक्सीन को लेकर सबसे अहम सुरक्षा और प्रभावी मानक हैं न कि राजनीतिक दबाव।'

कब आएगी वैक्सीन?

फाउची ने कहा कि अगले साल की शुरुआत में शायद कोरोना वैक्सीन की करोड़ों डोज आ सकती है। फाउची ने कहा, 'हमें मैन्युफैक्चरर्स ने बताया है कि 2021 के अंत तक वैक्सीन की करोड़ों डोज मिलेगी। ऐसे में मुझे लगता है कि चीज़ें हमारे नियंत्रण में हैं और वैक्सीन बनने की प्रक्रिया सकारात्मक है। मैं आशावान हूं लेकिन कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वैक्सीन को लेकर कुछ भी गारंटी नहीं दी जा सकती। वैक्सीन के बावजूद मुझे नहीं लगता है कि हम इसका जड़ से उन्मूलन करने जा रहे हैं क्योंकि कोरोना वायरस जैसा संक्रामक वायरस बहुत कम होते हैं।'

डॉ एंथोनी फाउची ने सीएनएन से कहा है कि कोरोना वायरस से जितनी तबाही अमरीका में हुई उतनी किसी भी मुल्क में नहीं हुई है। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप ऐसा नहीं मानते हैं।

फाउची ने कहा, 'कोराना ने पूरी दुनिया को तबाह किया है लेकिन अमरीका जितना झेल रहा है उतना किसी ने नहीं झेला। संक्रमितों की संख्या और मरने वालों की तादाद देखिए तो साफ़ पता चलता है। दुनिया भर में कोरोना संक्रमितों और उससे होने वाली मौत के मामले केवल अमरीका में 20% से 25% हैं जबकि यहां की आबादी दुनिया की कुल आबादी के पाँच फ़ीसदी से भी कम है। संख्या से साफ़ है कि अमरीका में कोरोना का ज़ख़्म ज़्यादा गहरा और हरा है।'

कोरोना वायरस से बचाने में कारगर

बता दे, अमेरिका की एक वैक्सीन बनाने वाली कंपनी नोवावैक्स (NOVAVAX) ने दावा किया है कि उसकी वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाने में कारगर है और साथ ही साथ यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को भी बढ़ा रही है। नोवावैक्स कंपनी की इस कोरोना वैक्सीन का नाम NVX-CoV2373 है। कंपनी ने दावा किया है कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस को तो खत्म करने में सक्षम है ही, साथ ही यह शरीर में उच्च स्तर के एंटीबॉडीज भी बनाएगी, ताकि भविष्य में शरीर पर कोरोना का हमला न हो। कंपनी का कहना है कि उसकी वैक्सीन का अभी अंतिम चरण का तीसरा यानी आखिरी ट्रायल चल रहा है, जो सितंबर के अंत तक खत्म हो जाएगा। इसके बाद हम बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन करने में सक्षम हो जाएंगे। कंपनी का दावा है कि 2021 में वो वैक्सीन की 100-200 करोड़ खुराक बनाएंगे।