किसान आंदोलन पर अमेरिका की पहली प्रतिक्रिया, कहा- हम शांतिपूर्ण विरोध के साथ, बातचीत से सुलझे मतभेद

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का आज 71वां दिन है, लेकिन सुलह की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। कानून वापसी की मांग पर अड़े किसानों ने हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में बुधवार को महापंचायत की। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने साफ कहा कि अब कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं होगी। अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बातचीत के लिए आगे आना होगा। उधर, किसान आंदोलन को लेकर अब अमेरिका ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है।

अमेरिका ने कहा कि वह ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारतीय बाजारों की 'निपुणता में सुधार' करेंगे और निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका यह मानता है कि शांतिपूर्ण विरोध किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है। मतभेदों को बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका शांतिपूर्ण विरोध को लोकतंत्र की पहचान मानता है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है। हम मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाने को प्रोत्साहित करते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारत के बाजारों की स्थिति में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र में अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। अमेरिका की तरफ से किसान आंदोलन को लेकर ये प्रतिक्रिया ऐसे वक्त आई है जब कई अंतराष्ट्रीय हस्तियों ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।

आपको बता दे, अमेरिकी पॉप गायिका रिहाना, स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, अमेरिकी अभिनेत्री अमांडा केरनी, गायक जे सीन, डॉ जियस, पूर्व वयस्क फिल्मों के कलाकार मिया खलीफा, अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस सहित कई मशहूर हस्तियों ने भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है।