जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसके बाद अमरनाथ यात्रा पर शुक्रवार को दूसरे दिन भी रोक दी गई है। मूसलाधार बारिश और फिसलन के कारण पारंपरिक बालटाल और पहलगाम ट्रैक से यात्रा आगे नहीं बढ़ सकी। अधिकारियों ने बताया कि कई जगहों पर भूस्खलन की वजह से काली माता ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है जिसकी वजह से बालटाल मार्ग से अमरनाथ यात्रा को रोकना पड़ा है। दोनों जगहों पर 20 हजार से अधिक यात्री फंसे हुए हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि लगातार मौसम खराब रहने के कारण करीब 4000 यात्री बिना दर्शन किए लौट आए है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इस बीच दूसरे दिन पहले से रवाना हुए 1287 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। पिछले दो दिन में 2294 शिवभक्त दर्शन कर चुके हैं।
शुक्रवार को आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से तीसरे जत्थे में 2332 पुरुष और 544 महिला के साथ 2876 श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए रवाना किया गया। लेकिन मौसम खराब होने के कारण पहलगाम के जत्थे को उधमपुर के टिकरी सहित अन्य इलाकों में रोका गया है, जबकि बालटाल का जत्था देर शाम बालटाल आधार शिविर पहुंच गया था। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ उमंग नरुला ने बोर्ड के चेयरमैन व राज्यपाल एनएन वोहरा को बारिश से यात्रा ट्रैक के बंद होने की जानकारी दी।
पहलगाम-चंदनबाड़ी से शुक्रवार सुबह 1263 यात्रियों को शेषनाग तक भेजा गया। लेकिन मूसलाधार बारिश होने के कारण हजारों यात्रियों को बेस कैंप में ही ठहराया गया है। बताया जाता है कि तेज बारिश से ट्रैक पर फिसलन के साथ उसे नुकसान पहुंचा है। तापमान में काफी गिरावट आ गई है। इससे यात्रियों के लिए सेहत संबंधी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
दूसरे दिन भी पवित्र गुफा के पास बारिश के साथ बर्फबारी हुई। बटोत से बनिहाल के बीच कई जगह भूस्खलन होने के कारण घंटों हाईवे बंद रहने से अमरनाथ यात्री रास्ते में फंसे रहे। शाम को बालटाल के जत्थे ने जवाहर टनल पार की थी। इस बीच आधार शिविर भगवती नगर जम्मू में शुक्रवार की शाम तक देशभर से 1523 यात्री पहुंच गए थे। हालांकि खराब मौसम के कारण जम्मू से चौथे जत्थे के जाने पर संशय बना हुआ है।
वहीं, मौसम विभाग ने अभी मौसम खुलने का अनुमान नहीं जताया है। खराब मौसम और आतंकी खतरे के बावजूद श्रद्धालुओं का हौसला डिगा नहीं है। 60 दिन की इस यात्रा के लिए अभी तक दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। इस यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा। 'रक्षाबंधन' का त्योहार भी इसी दिन पड़ रहा है।