अखिलेश यादव ने ईडी को समाप्त करने की मांग की, भाजपा पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को एक नया सियासी विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भंग करने की मांग की। उनका कहना है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार इस एजेंसी का दुरुपयोग विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए कर रही है।

भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में यादव ने कहा कि आर्थिक अपराधों की जांच के लिए पहले से ही आयकर विभाग जैसी एजेंसियां मौजूद हैं, ऐसे में ईडी की कोई आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा, मैं 'नेशनल हेराल्ड' पर कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन ईडी पर जरूर बोलूंगा। कांग्रेस ने जब सत्ता में रहते हुए ईडी बनाई थी, तब कुछ दलों ने इसका विरोध किया था। अब वही कांग्रेस आज इस एजेंसी की वजह से संकट में है। मैंने पहले भी एक वरिष्ठ पत्रकार से कहा था कि आर्थिक अपराधों के लिए पहले से ही कई संस्थाएं हैं, इसलिए ईडी की जरूरत नहीं है। इसे खत्म कर देना चाहिए।

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है ताकि गैर-भाजपा नेताओं को डराया जा सके।

उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में कोई भी गैर-भाजपा नेता नहीं बचा जिसे इन एजेंसियों की धमकी न मिली हो।

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी देशभर में ईडी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। नेशनल हेराल्ड केस में ईडी द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। उन पर करीब 988 करोड़ रुपये के धनशोधन का आरोप है।

एयरपोर्ट से निकलने के बाद यादव कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना के आवास पहुंचे, जिससे यह अटकलें लगने लगीं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में यादव और जेना दोनों ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। इस बैठक में वाम दलों और राजद के नेता भी मौजूद थे।

यादव ने कहा, हम उन समान विचारधारा वाले नेताओं से मिल रहे हैं जो सामाजिक न्याय की दिशा में काम करते हैं।

उन्होंने कहा, बाबा साहब अंबेडकर के सपनों को पूरा करने – समानता, सम्मान और समावेशिता के लक्ष्य को – लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। श्रीकांत जेना जैसे धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक नेता से मिलकर हमें खुशी है। ओडिशा में समाजवादी पार्टी के विस्तार का इरादा भी है।

जेना ने कहा, मेरे अखिलेश यादव से मिलने का यह मतलब नहीं कि मैं समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहा हूं। मैं कांग्रेस में हूं और वहीं रहूंगा। हम सभी INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं और देश में सामाजिक न्याय के लिए काम करते रहेंगे।

यादव ने देश में सीटों के परिसीमन को लेकर दक्षिण के मुख्यमंत्रियों, खासकर तमिलनाडु के एम.के. स्टालिन की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा, पहले जातिगत जनगणना हो, उसके बाद ही परिसीमन होना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार परिसीमन की प्रक्रिया को अपने अनुसार मोड़ सकती है, जैसा जम्मू-कश्मीर में हुआ।

जब उनसे भाजपा के 'डबल इंजन सरकार' मॉडल की सफलता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, उत्तर प्रदेश में दोनों इंजन अलग-अलग पटरी पर चल रहे हैं।

ओडिशा में केंद्र और राज्य सरकार के बीच तालमेल को लेकर उन्होंने कहा, यहां की सरकार और केंद्र के बीच समन्वय के बावजूद अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाए हैं।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुई हिंसा पर भाजपा के आरोपों पर यादव ने कहा, ममता बनर्जी उस राज्य की मुख्यमंत्री हैं और मुझे नहीं लगता कि कोई मुख्यमंत्री जानबूझकर अपने राज्य में अशांति चाहेगा।

यादव ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, कन्नौज और यूपी के कुछ अन्य स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंदिरों में मांस रखकर दंगे भड़काए। भाजपा समाज में वैमनस्य फैलाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।

इसके बाद यादव पुरी रवाना हुए, जहां वह 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करेंगे।

इस बीच, राज्य भाजपा ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को उनकी सरकार के पांच साल का कार्यकाल अच्छी तरह याद है।

राज्य भाजपा अध्यक्ष मनमोहन समल ने कहा, अखिलेश यादव की सरकार के दौरान यूपी में कानून नाम की कोई चीज नहीं थी। गुंडे, अपराधी और भ्रष्टाचारियों का राज था। इसी वजह से जनता ने उन्हें नकार दिया।