कितने समय तक कारगर है कोरोना वैक्सीन, जानिए क्या कहते हैं एम्स डायरेक्टर गुलेरिया!

देश में बढ़ते कोरोना के साथ-साथ टीकाकरण अभियान भी तेजी से चल रहा है। भारत में शुक्रवार तक 4 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की खुराक लगाई जा चुकी है। वहीं, शनिवार को ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने आईपीएस (सेंट्रल) एसोसिएशन की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कोविड -19 टीका लगभग दस महीने तक संक्रमण से पूरी सुरक्षा देने में सक्षम हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि टीके का कोई बड़ा दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा, 'कोविड -19 टीका आठ से दस महीने और शायद इससे भी ज्यादा समय तक संक्रमण से पूरी सुरक्षा दे सकता है।'

उन्होंने कहा कि मामलों में उछाल का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों को लगता है कि महामारी खत्म हो गई है और वे कोविड से बचाव के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। एम्स डायरेक्टर ने कहा, 'संक्रमण में वृद्धि के कई कारण हैं, लेकिन मुख्य कारण यह है कि लोगों के रवैये में बदलाव आया है और उन्हें लगता है कि कोरोना वायरस खत्म हो गया है। लोगों को अभी भी कुछ और समय के लिए गैर-जरूरी यात्रा को स्थगित करना चाहिए।'

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि संक्रमण की कड़ी को रोकना होगा और इसके लिए टीका एक उपकरण है, लेकिन दूसरा है रोकथाम और निगरानी रणनीति। उन्होंने कहा, 'कोविड-19 मानकों का पालन नहीं करना और लापरवाही उछाल का प्रमुख कारण है।'

अधिक लोगों का टीकाकरण करने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, पॉल ने कहा कि टीके का यह मुद्दा सीमित है और यही कारण है कि प्राथमिकता तय की गई है। उन्होंने कहा, 'अगर हमारे पास असीमित आपूर्ति होती तो हम सभी के लिए टीकाकरण शुरू कर देते। यही कारण है कि हर किसी को टीके नहीं लगाए जा रहे हैं। दुनिया के अधिकांश देश इस वजह से प्राथमिकता समूह से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।'

नीति आयोग के सदस्य ने यह भी कहा कि सबसे ज्यादा मृत्यु दर वृद्धावस्था वाले लोगों में देखी गई। उन्होंने कहा, 'इन लोगों को टीके लेने में देरी नहीं करनी चाहिए। इसलिए संदेश यह है कि उन्हें इसकी आवश्यकता दूसरों की तुलना में अधिक है। यही कारण है कि उन्हें कोविड-19 टीके देने में प्राथमिकता दी गई है।'

कोवैक्सीन और कोविशील्ड कितनी असरदार

मौजूदा कोरोना टीके कोवैक्सीन और कोविशील्ड कितने असरदार हैं, इस पर गुलेरिया ने कहा, 'अगर हम दोनों टीकों को देखें, तो वे एक समान एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं और बहुत मजबूत हैं। हमें हमारे पास उपलब्ध टीके लगवाने चाहिए क्योंकि प्रभावकारिता और दीर्घकालिक सुरक्षा के संदर्भ में दोनों टीके समान रूप से प्रभावी हैं।' देश में अब तक चार करोड़ से अधिक लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं।

दिल्ली में मिले 800 मरीज

आपको देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। राजधानी दिल्ली में आज कोरोना के 813 नए मरीज मिले हैं और दो मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। हालांकि, दिल्ली में आज 567 मरीज कोरोना मुक्त होकर अपने घरों को भी लौट गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि दिल्ली में अब तक संक्रमितों की कुल संख्या 6,47,161 हो गई है। वहीं आज 1722 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। राजधानी में अब कोरोना वायरस संक्रमण के एक्टिव केस भी एक बार फिर से बढ़कर 3 हजार 409 हो गए हैं। वहीं, अब तक कुल 6 लाख 31 हजार 375 मरीज इस महामारी को मात देकर कोरोना मुक्त हो चुके हैं। इसके साथ ही अब तक मरने वालों की संख्या 10 हजार 948 हो गई है।

मध्यप्रदेश में मिले 1,307 नए संक्रमित


मध्यप्रदेश में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 1,307 नए संक्रमित मिले हैं। सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति भोपाल, इंदौर और जबलपुर की है। शुक्रवार को भोपाल में 345, इंदौर में 317 और जबलपुर में 116 नए केस आए। यही वजह है कि तीनों शहरों में शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक यानी 32 घंटे का टोटल लॉकडाउन लगाया जा रहा है।