केंद्रीय कृषि का आपत्तिजनक बयान, मीडिया में आने के लिए प्रदर्शन करते हैं किसान

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने देश में चल रहे किसान आंदोलन और किसानों की खुदकुशी को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने देश के कई राज्यों में चल रहे किसानों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देखिए मीडिया में आने के लिए कुछ अनोखा काम करना ही पड़ता है। देश में करोड़ों की संख्या में किसान हैं और उसमें कुछ किसानों का ये प्रदर्शन मायने नहीं रखता।

केंद्र सरकार के चार साल होने के अवसर पर पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश में 12-14 करोड़ किसान हैं। किसी भी संगठन में हज़ार, डेढ़ हज़ार, दो हजार किसान स्वाभाविक है और मीडिया में आने के लिए कुछ अनोखा काम करना ही पड़ता है। जो ना होता हो तो ये स्वाभाविक है, लेकिन उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की चर्चा करते हुए कहा कि वहां के शिवराज सरकार ने जितना किसानों के किए काम किया है उतना किसी अन्य सरकार ने नहीं किया है। क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए इस सवाल पर कृषि मंत्री गोल-मटोल जवाब देकर निकल गए।

उनका कहना था कि 14वें वित आयोग ने इसका प्रावधान खत्म कर दिया था। वर्तमान वित्त आयोग अगर इस संबंध में कोई अनुशंसा करता है तो केंद्र सरकार इस पर विचार करेगी। हालांकि उनका दावा था कि जब से मोदी सरकार केंद्र में आई है तब से बिहार जैसे राज्यों को ज्यादा आर्थिक सहायता मिल रहा है। पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों के कारण किसानों पर उसके असर पर पूछे जाने पर राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस संबंध में उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों ने बयान दिया है कि दाम कम करने के उपाय किए जा रहे हैं।