मुंबई । भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुआ है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स आज 0.13 फीसदी या 102 अंक की गिरावट के साथ 80,502 पर बंद हुआ। बाजार बंद होते समय सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 14 शेयर हरे निशान पर और 16 शेयर लाल निशान पर थे। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी आज 0.09 फीसदी या 21 अंक की गिरावट के साथ 24,509 पर बंद हुआ। बाजार बंद होते समय निफ्टी के 50 शेयरों में से 28 शेयर हरे निशान पर और 22 शेयर लाल निशान पर थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। इसमें जीडीपी विकास दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 से लेकर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में कारोबारी सत्र में खरीदारी देखी गई।
निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 716 अंक या 1.28 प्रतिशत बढ़कर 56,624 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 165 अंक या 0.90 प्रतिशत बढ़कर 18,563 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक, एमएंडएम, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, सन फार्मा, एलएंडटी, मारुति सुजुकी और इन्फोसिस टॉप गेनर्स थे। विप्रो, रिलायंस, कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी और एसबीआई टॉप लूजर्स थे।
सेक्टोरल सूचकांकों की बात करें, तो आज सबसे अधिक तेजी निफ्टी ऑटो में 1.13 फीसदी, निफ्टी बैंक में 0.12 फीसदी, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 0.22 फीसदी, निफ्टी मेटल में 1.12 फीसदी, निफ्टी फार्मा में 0.98 फीसदी, निफ्टी पीएसयू बैंक में 0.25 फीसदी, निफ्टी प्राइवेट बैंक में 0.11 फीसदी, निफ्टी हेल्थकेयर में 1.01 फीसदी, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.36 फीसदी और निफ्टी मिडस्मॉल हेल्थकेयर में 1.03 फीसदी दर्ज हुई। इससे इतर निफ्टी ऑयल एंड गैस में 0.58 फीसदी, निफ्टी रियल्टी में 0.48 फीसदी, निफ्टी मीडिया में 0.71 फीसदी, निफ्टी आईटी में 0.43 फीसदी, निफ्टी एफएमसीजी में 0.41 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
बाजार के जानकारों का कहना है कि आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान 6.5 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत रहने के कारण बाजार में उठापटक देखने को मिली है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के नतीजे उम्मीद से कमजोर आने के कारण बाजार पर दबाव बना है। ऐसा माना जा रहा है कि बजट निवेशकों के मुताबिक होगा। हालांकि, अधिक वैल्यूएशन के कारण बाजार में गिरावट का जोखिम बना हुआ है।