अफगानिस्तान : हेरात में तालिबान विरोधी प्रदर्शन के दौरान फायरिंग, 2 लोगों की मौत, 8 घायल

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के तीन हफ्ते बाद तालिबान ने मंगलवार को अपनी सरकार का ऐलान किया है। जिस समय तालिबान अपनी सरकार का ऐलान कर रहा था उसी समय हेरात में विरोधी प्रदर्शन चल रहे थे। इसे रोकने के लिए तालिबान ने फायरिंग की, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई और 8 जख्मी हो गए। इससे पहले दोपहर में काबुल में निकाली जा रही पाकिस्तान विरोधी रैली में भी तालिबान ने हवाई फायरिंग की थी। ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों पर तालिबानियों की बंदूकें तनीं दिख रही हैं, लेकिन लोग डरने की बजाय आतंकियों की आंख में आंख डाले नजर आए। हालाकि, इस दौरान किसी की मौत नहीं हुई थी।

आपको बता दे, तालिबान की सरकार में मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को मंत्री परिषद का प्रमुख यानी नई अफगानिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनाया है। सरकार का नाम 'इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान' होगा। मंगलवार की शाम को जिस सरकार का ऐलान किया गया, उसमें कुल 33 मंत्री शामिल हैं। दोहा में भारत से बातचीत करने वाले शेर मोहम्मद स्टेनेकजई को उप विदेश मंत्री बनाया गया है। महिलाओं को हक देने की बात कहने वाले तालिबान ने अपनी सरकार में किसी महिला को शामिल नहीं किया है। तालिबान ने अपनी सरकार में अमेरिका को चैलेंज करने वाले सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया है। सिराजुद्दीन हक्कानी कितना खूंखार आतंकी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका ने उस पर 50 लाख डॉलर यानी तकरीबन 37 करोड़ रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। अमेरिका सिराजुद्दीन हक्कानी को अपना बड़ा दुश्मन मानता है।

अफगानिस्तान में फिदायीन या आत्मघाती हमले शुरू करने वाला हक्कानी नेटवर्क और खास तौर पर यही सिराजुद्दीन हक्कानी माना जाता है। अफगानिस्तान में इन हमलों में अब तक हजारों बेकसूर मारे जा चुके हैं। सिराजुद्दीन ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या की साजिश भी इन्हीं हमलों के तहत रची थी। ये नाकाम रही। सिराजुद्दीन 2001 के बाद से ही हक्कानी नेटवर्क का सरगना बना हुआ है। सिराजुद्दीन पाकिस्तान के वजीरिस्तान में ही रहता है। सिराजुद्दीन हक्कानी क्रूरता के मामले में अपने पिता जलालुद्दीन हक्कानी से दो कदम आगे है। साल 2008 से लेकर 2020 तक अफगानिस्तान में हुए कई बड़े आतंकवादी हमलों में सिराजुद्दीन का हाथ रहा है। यह भी बताया जाता है कि हक्कानी नेटवर्क से 15 हजार आतंकी जुड़े हुए हैं।