अपनी निर्धारित कक्षा में पहुँचा आदित्य L-1, 100 मीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका प्रज्ञान रोवर

नई दिल्ली। बीती 23 अगस्त को भारत के चंद्रयान-3 ने चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग की थी। साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश बना था। इसके बाद आज 2 सितंबर को इसरो ने भारत के पहले सोलर मिशन को लॉन्च कर दिया है। भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य एल1 का पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक सैपरेशन पूरा हो चुका है और वो अपनी निर्धारित कक्षा में पहुंच चुका है।

चंद्रयान की सफलता के कुछ दिनों बाद ही आदित्य एल1 की सफल लॉन्चिंग से पूरे देश में खुशी और जश्न माहौल है। इसी बीच चंद्रयान को लेकर भी एक बड़ी खबर इसरो ने शेयर की है। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी है कि चंद्रमा के ऊपर प्रज्ञान रोवर 100 मीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। आगे का सफर फिलहाल जारी है।

प्रज्ञान रोवर ने तय की 100 मीटर की दूरी

ISRO प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने आदित्य-एलवन (Aditya-L1) की सफल लॉन्चिंग के बाद कहा कि Chandrayaan-3 का रोवर प्रज्ञान (Pragyan Rover) अब तक चांद की सतह पर 100 मीटर चल चुका है। विक्रम लैंडर और रोवर दोनों की सेहत सही है। दोनों के सभी पेलोड्स तरीके से काम कर रहे हैं।

इससे पहले रोवर ने विक्रम लैंडर की शानदार फोटो ली थी। सामने आए गड्ढे से बचने के लिए उसने रास्ता भी बदला था। तस्वीरें वो नेविगेशन कैमरा (NavCam) से ले रहा है। इस कैमरे को लेबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (LEOS) ने बनाया है। प्रज्ञान रोवर में एक तरफ ये दो नैवकैम लगे हैं, असल में रोवर का कुल वजन 26 kg है। यह तीन फीट लंबा, 2.5 फीट चौड़ा और 2.8 फीट ऊंचा है। छह पहियों पर चलता है।

रोवर का टारगेट था कि वो चांद का एक दिन पूरा होने से पहले 500 मीटर की यात्रा कर ले। वह लगातार एक सेंटीमीटर प्रति सेकेंड की गति से आगे बढ़ रहा है। अगले 5-6 दिनों तक चांद की सतह पर तब तक काम करेगा, जब तक इसे सूरज से ऊर्जा मिलेगी, तब तक कैमरों से चांद की सतह और विक्रम की फोटो खींचता रहेगा।