सदी में एक बार ही होते हैं नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व, वे ही मेरे आदर्श : दीया कुमारी

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और जयपुर राजघराने की वंशज दीया कुमारी ने कहा है कि “नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व सदी में एक बार ही होते हैं। जिस तरह वह पूरे समाज की सोच को बदल रहे हैं, उसके लिए उन्हें जितना भी धन्यवाद दिया जाय, कम है।” इंडिया टीवी के दिन भर चले ‘She’ Conclave में दीया कुमारी एंकर सौरभ शर्मा के सवालों के जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी मेरे आदर्श हैं। मेरा मानना है कि ऐसा व्यक्तित्व एक सदी में एक बार ही होता है, if not more। जिस तरह से वह भारत की सोच बदल रहे हैं, जिस तरह महिलाओं को आगे बढा रहे हैं, बेटी बचाओ, ‘बेटी पढाओ’ लागू कर रहे हैं, स्वच्छता, उज्ज्वला योजना, गरीबों, किसानों और युवाओं की योजनाओं के माध्यम से मदद कर रहे हैं, समाज की सोच को बदल रहे हैं, एक बहुत बड़ा काम मोदीजी कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें जितना धन्यवाद दिया जाय, कम है। मेरे आदर्श तो वही हैं।”

ये पूछे जाने पर कि उनकी क्या महत्वाकांक्षा हैं, दीया कुमारी ने कहा, “एक विकसित, सर्वेश्रेष्ठ राजस्थान का निर्माण।” इस सवाल पर कि क्या जब आप मुख्यमंत्री बन जाएंगी, तब कांग्रेस सत्ता में नही लौट पाएगी, दीया कुमारी ने कहा, “यह मेरे मुख्यमंत्री बनने की बात नहीं है। ऐसी कोई बात ही नहीं है। कांग्रेस विपक्ष में ही रहेगी, चाहे राजस्थान में या कोई अन्य प्रदेश हो, चाहे केंद्र हो, उनके काम नहीं करना, उनका काम सिर्फ आरोप लगाना है।” इस प्रश्न पर कि क्या प्रियंका गांधी को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में लाने से कोई बदलाव आएगा, दीया कुमारी ने कहा, “उनकी पार्टी को introspect करना चाहिए। भाई-बहन decide नहीं कर पा रहे हैं। उनकी पार्टी की यही विशेषता है कि आपस में ही लड़ते रहें। राजस्थान में आपसी लड़ाई ने उनका बहुत बड़ा नुकसान किया। वो लड़ाई अभी भी जारी है।”

भजन लाल शर्मा को CM बनाए जाने पर भी बोलीं

इस सवाल पर कि क्या भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाए जाने से उनका हक़ चला गया, दीया कुमारी ने कहा, “मुझे ऐसा नहीं लगता। हमारी पार्टी बहुत अनुशासित है, जे भी शीर्ष नेतृत्व decide कर लेता है, उसे हम सभी follow करते हैं।” इसी से जुड़े एक दूसरे सवाल पर, दीया कुमारी ने कहा, “अगर कोई कहता है कि इसको उपमुख्यमंत्री बनाया या नहीं बनाया, मुझे लगता है कि वह उनका प्रश्न नहीं है। लेकिन काम बोलता है और मेरे दोनों ही क्षेत्रों में वहां किसी भी व्यक्ति से पूछें कि मैंने काम किया या नहीं, समय-समय पर आती भी थी या नहीं, वहीं आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा।” गौरतलब है, दीया कुमारी ने 2013 में सवाई माधोपुर से बीजेपी टिकट पर विधायक का चुनाव जीता था, 2019 में महासमंद से सांसद का चुनाव जीता था, और 2023 में जयपुर से विद्याधर नगर से विधायक का चुनाव जीता था।

'मेरा अनुभव राजनीति में आसान नहीं रहा है'

इस सवाल पर कि कुछ समालोचक कहते हैं उन्हें उनकी शाही विरासत के कारण उपमुख्यमंत्री का पद मिला, दीया कुमारी ने कहा, “वो उनका थॉट प्रोसेस हो सकता है, पर ऐसा नहीं है। मैं एक बैकग्राउंड से आती हूं, लोगों का ये परसेप्शन रहता है कि बहुत आसानी से (राजनीति में) आई हूं। ऐसा नहीं है। मैं जब राजनीति में आई, तो मुझे एक कठिन सीट सवाई माधोपुर दी गई, जयपुर से सवाई माधोपुर भाग-भाग कर जाना एक महिला के लिए आसान नहीं होता। उस समय मेरे बच्चे छोटे थे। लेकिन मैंने चुनौती स्वीकार की। मैं मानती हूं, मैंने ठीक काम किया।
उसके बाद मुझे राजसमंद से चुनाव लड़ने का अवसर मिला, जो कि जयपुर से 4 घंटे दूर मेवाड़ में है। वहीं से संसद दिल्ली, फिर जयपुर जाना, राजसमंद जाना, तीनों किया, वो भी easy नहीं था। बहुत बड़ा लोकसभा क्षेत्र है राजसमंद। मुझे बहुत खुशी है पार्टी ने मुझे मौका दिया, अलग-अलग क्षेत्रों से मौका दिया, जबकि मैं वहां की बेटी नहीं थी। अब मैं जयपुर से चुनाव लड़ी पहली बार, वो बहुत आसान नहीं थी। मुझे लगता है कि कोई joining easy नहीं होती है। और ये जरूरी है कि जीवन में professionally experienced होना। मेरा अनुभव राजनीति में आसान नहीं रहा है, लेकिन मुझे खुशी है कि ये आसान नहीं रहा, क्योंकि अभी से मैंने बहुत कुछ सीख ली है।”