मेघालय में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है। कांग्रेस के पांच विधायकों समेत प्रदेश विधानसभा के आठ सदस्यों ने शुक्रवार को सदन से इस्तीफा दे दिया। सभी विधायकों ने विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के टिकट पर चुनाव लड़ने के मकसद से इस्तीफा दिया है।
इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायकों में पूर्व उपमुख्यमंत्री रॉवेल लिंगदोह, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रिसटन तिनसांग, कोमिंग वाईमबन, स्नियावभलंग धर और एनजीतलंग धर शामिल हैं। इन विधायकों ने विधानसभा के आयुक्त व सचिव एंड्रयू साइमन को अपना इस्तीफा सौंपा।
कांग्रेस के पांच विधायकों के अलावा यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के विधायक रेमिंगटन पिंग्रोप और निर्दलीय होपफुल बमन और स्टीफेंसन मुखिम ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है।
इससे पहले कांग्रेस विधायक पी. एन. सियेम विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर नवगठित पार्टी पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट में शामिल हुए थे। सियेम खासी हिल्स ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के मुख्य कार्यकारी सदस्य भी हैं।
वहीं, बुजुर्ग कांग्रेस विधायक और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे डी. डी. लपांग, मौजूदा उप मुख्यमंत्री रॉट्रे क्रिस्टोफर ललू और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री रोशन वर्जरी को चुनावी राजनीति से अवकाश देने की घोषणा की गई है।
तिनसांग ने कहा, "हमने (कांग्रेस विधायक) इस्तीफा दिया है क्योंकि प्रदेश का नेतृत्व (मुख्यमंत्री मुकुल संगमा) लोगों की की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल साबित हुई। साथ ही हम मुख्यमंत्री की कार्य पद्धति से भी खुश नहीं थे।"
हालांकि मुख्यमंत्री पर 'एकल-वर्चस्व' का रवैया अपनाने का आरोप लगाने के बावजूद तिंसांग ने माना कि मुकुल अच्छे नेता हैं। वह साहसी भी हैं और वह जो कहते थे वह हमें करना पड़ता था।