उत्तर प्रदेश के 71 जिलें डेंगू की चपेट में, मरीजों की संख्या पहुंची 1500 के पार

उत्तर प्रदेश में डेंगू (Dengue) बहुत तेजी से पैर पसारता जा रहा है। प्रदेश के 71 जिलें डेंगू की चपेट में आ चुके है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से डेंगू पीड़ितों की कुल संख्या 1528 जा पहुंची है। वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। सबसे ज्यादा नाजुक हालत अभी भी फिरोजाबाद की बनी हुई है। प्रदेश में डेंगू के सबसे ज्यादा केस फिरोजाबाद में ही मिले हैं। सुहागनगरी में अब तक कुल 598 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं। इसके अलावा मथुरा में 174, वाराणसी में 114 और लखनऊ में 101 मरीज मिले हैं। प्रयागराज में 70, कानपुर में 66, कन्नौज में 48, झांसी में 42, मैनपुरी में 34, मेरठ में 33, फर्रूखाबाद में 29 और बस्ती में 20 मरीज डेंगू के मिले हैं। बाराबंकी में 10 और अयोध्या में 12 मरीज मिल चुके हैं। मथुरा और फिरोजोबाद के हालात नाजुक बने हुए हैं। इसीलिए डॉक्टरों की एक विशेष टीम फिर से इन दोनों जिलों के दौरे पर गई है।

बिगड़ते हालात के मद्देनजर सरकार ने फैसला किया है कि कोरोना की तीसरी लहर के लिए जिले-जिले में जो पीकू वॉर्ड बनाए गए थे, उनमें बुखार से पीड़ित मरीजों को भर्ती किया जाए।

यूपी के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ वेद व्रत सिंह ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जो पीकू वॉर्ड (पीडियाट्रिक केयर यूनिट) बनाए गए थे, उन्हें बुखार से पीड़ित मरीजों के लिए खोल दिया गया है। अभी कोविड के मामले हैं नहीं। पीकू वॉर्ड के तहत हमारे पास बेड भी हैं, स्टाफ भी हैं, उपकरण भी हैं और दवाइयां भी हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पतालों तक सभी को एक्टिवेट कर दिया गया है कि सभी जगहों पर बुखार से पीड़ित गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाए, ताकि जिला मुख्यालय के अस्पतालों पर लोड कम रहे।

डीजी हेल्थ डॉ वेद व्रत सिंह ने कहा कि सभी अस्पतालों को निर्देश दे दिया गया है कि भर्ती होने वाले मरीजों को बेड के साथ-साथ लगाने के लिए मच्छरदानी भी दी जाए। अस्पताल में भर्ती बुखार के मरीजों को और किसी तरह के संक्रमण का खतरा न हो इसके लिए मच्छरदानी दी जा रही है। सरकार मच्छरदानी का खर्च खुद वहन करेगी।