हिमाचल : बारिश के कहर से अबतक हुआ इस मानसून सीजन में 502 करोड़ का नुकसान

मानसून सीजन जारी हैं और बारिश की वजह से मौसम सुहाना बना हुआ हैं। लेकिन प्रदेश में इस बारिश ने कई क्षेत्रों में हाहाकार मचाया हुआ हैं जिसकी वजह से अबतक इस मानसून सीजन में 502 करोड़ का नुकसान हो चुका हैं। प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश में जारी भारी बारिश के बावजूद मानसून सीजन में अभी तक सामान्य से चार फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है। प्रदेश में 13 जून को मानसून ने प्रवेश किया था। 28 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश में 333.9 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। इस अवधि के लिए सामान्य बारिश 346.3 मिलीमीटर को माना गया है।

152 लोगों ने सड़क हादसों से लेकर भूस्खलन, बाढ़ या बादल फटने जैसी घटनाओं के चलते जान गंवाई। राज्य आपदा प्रबंधन सेल की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अकेले पीडब्ल्यूडी विभाग को 347 करोड़ का नुकसान हुआ है। जल शक्ति विभाग को 147 करोड़, ऊर्जा विभाग को 57 लाख का नुकसान हुआ। 575 लाख का मौद्रिक नुकसान भी दर्ज किया गया। भारी बारिश, बादल फटने और बाढ़ के चलते 14.6 लाख की फसल भी बरबाद हो गई। 515 कच्चे व पक्के घरों और दुकानों, गायों के 379 शेड को भारी नुकसान हुआ है।

इस दौरान 393 पशु-पक्षिओं की भी मौत हुई। भूस्खलन से सबसे ज्यादा 21 लोगों की जान गई। इनमें भी कांगड़ा और किन्नौर में दस व नौ, जबकि शिमला में दो लोगों की मौत हुई। बाढ़ व बादल फटने की घटना से लाहौल-स्पीति में सात और चंबा में दो लोगों की जान चली गई। डूबने से कांगड़ा में आठ, कुल्लू में तीन, लाहौल-स्पीति, शिमला, हमीरपुर व एक-एक, जबकि कुल्लू, मंडी में तीन-तीन और बिलासपुर में दो लोगों की मौत हो गई।