1 सितंबर से ये 4 चीजें हो रही हैं सस्ती, बचेंगे आपके इतने रुपये

1 सितंबर 2019 से बैंकिंग, ट्रैफिक और टैक्‍स से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। आपको कुछ चीजें महंगी तो कुछ सस्ती मिलने वाली है। तो चलिए आपको बताते है कि 1 सितंबर से कौनसी चीजें आपको सस्ते में मिलेंगी।

ऑटो लोन की भी गिरी दरें

SBI ने त्योहारी सीजन को देखते हुए ऑटो लोन पर एक खास ऑफर देना शुरू किया है जिसके जरिए कार लोन लेना भी सस्ता पड़ेगा। एसबीआई के डिजिटल प्लेटफॉर्म योनो या वेबसाइट के जरिए कार लोन का आवेदन करने वाले ग्राहकों को ब्याज दर में 0.25% की छूट मिलेगी। वेतनभोगी (सैलरीड) ग्राहक कार की ऑन रोड कीमत का 90% तक लोन ले सकेंगे।

एजुकेशन लोन होगा सस्ता

1 सितंबर एजुकेशन लोन की ब्याज दर 8.40% की बजाय 8.25% हो जाएगी। यह दर देश में पढ़ाई के लिए 50 लाख रुपए तक के लोन पर और विदेश में पढ़ाई के लिए 1.5 करोड़ रुपए तक के लोन पर लागू होगी। ग्राहकों को भुगतान के लिए अधिकतम 15 साल का समय मिलेगा।

पर्सनल लोन सबसे सस्ती दरों

त्योहारी सीजन में जरूरतें बढ़ जाती है इसके साथ ही पैसों की जरूरत भी बढ़ती है। एसबीआई ने 20 लाख रुपए का पर्सनल लोन सबसे सस्ती दरों पर देने का दावा किया है। 6 साल की अवधि के लिए 11.90% की बजाय 10.75% पर कर्ज दिया जाएगा। सैलरी अकाउंट वाले ग्राहकों को योनो के जरिए 5 लाख रुपए तक के प्री-अप्रूव्ड लोन का ऑफर मिलेगा। बैंकों से 59 मिनट में होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन (Personal Loan in 59 minute) लेने की सुविधा मिलनी शुरू हो सकती है। कई सरकारी बैंकों की 1 सितंबर से ग्राहकों को नई सुविधा शुरू करने की योजना है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) ने भी 'psbloansin59minutes' पर यह सुविधा शुरू करने का फैसला लिया है।

होम लोन सस्ता

पहली तारीख से SBI और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) समेत कई बैंक घर खरीदने के लिए सस्ते में लोन देने वाले हैं। SBI ने होम लोन की ब्याज दर में 0.20 फीसदी की कटौती की है। वहीं बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कहा कि रिटेल लोन की ब्याज दर को रेपो रेट से जोड़कर बैंक ब्याज दर से जुड़े लाभ को सीधे ग्राहकों को पहुंचाएंगे। बता दें कि रेपो रेट से लोन की ब्याज दर जुड़ने के बाद रेपो रेट में आरबीआई द्वारा जब-जब बदलाव होगा, लोन की ब्याज दर भी बदलेगी। 1 सितंबर से SBI ने होम लोन पर ब्याज दर 8.05 फीसदी होगी। RBI ने अगस्त में ही रेपो रेट घटाकर 5.40 फीसदी कर दिया है।

इन चीजों में भी होंगे बदलाव

बीमा नियमों में बदलाव

अगर आपके पास कार या दो-पहिया वाहन है तो 1 सितंबर से बीमा नियमों में बदलाव के लिए तैयार रहिए। दरअसल, साधारण बीमा कंपनियां अब वाहनों को भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं, तोडफोड़ और दंगे जैसी घटनाओं से होने वाले नुकसान के लिए अलग से बीमा कवर उपलब्ध कराएंगी। बीते जुलाई महीने में बीमा नियामक इरडा ने साधारण बीमा कंपनियों को इसे 1 सितंबर से लागू करने को कहा था।

किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना आसान

1 सितंबर से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) बनवाना पहले के मुकाबले आसान हो जाएगा। अब अधिकतम 15 दिनों में बैंक को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करना होगा। इस संबंध में बीते दिनों केंद्र सरकार ने निर्देश दिया था।

टैक्‍स नियमों में बदलाव

1 सितंबर से टैक्‍स से जुड़े नियम भी बदल जाएंगे।दरअसल, पुराने टैक्स मामलों को निपटाने के लिए एक स्‍कीम लॉन्‍च की गई है। इसके तहत बकाया टैक्स चुकाया जा सकेगा। इस स्कीम में टैक्स चुकाने पर कानूनी कार्रवाई नहीं होगी बल्कि ब्याज, पेनाल्टी से छूट भी मिलेगी। इसी तरह 1 सितंबर से इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करने पर जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

बदल सकता है बैंकों के खुलने का समय

ज्यादातर सभी पब्लिक सेक्टर बैंक (PSU) सुबह 10 बजे खुलते हैं लेकिन अब बैंकों के खुलने की टाइमिंग बदल सकते है। ये नए नियम सितंबर से लागू होंगे। अगर ये नियम लागू होते हैं तो बैंक सुबह 9 बजे खुलेंगे। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के बैंकिंग डिवीजन ने सभी सरकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सुबह 9 बजे खोलने का प्रस्तायव दिया है।

1 सितंबर से बंद हो जाएगा आपका मोबाइल वॉलेट


अगर आप भी पेटीएम, फोनपे, गूगलपे जैसे मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं, तो 31 अगस्त तक इनकी केवाईसी पूरी करा लें। केवाईसी पूरी न कराने के चलते 1 सितंबर से आपका मोबाइल वॉलेट काम करना बंद कर देगा। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने इन मोबाइल वॉलेट कंपनियों को अपने कस्टमर्स की केवाईसी पूरी कराने के लिए 31 अगस्त तक की समयसीमा दी थी, जिसके बाद बिना केवाईसी वाले वॉलेट बंद हो जाएंगे।

ट्रैफिक नियमों में बदलाव

1 सितंबर से ट्रैफिक से जुड़े नियम बदल जाएंगे। दरअसल, इस दिन से मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम के 63 उपबंध लागू होने वाले हैं। इनमें यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी-भरकम जुर्माना शामिल है।

जानकारी के मुताबिक शराब पीकर गाड़ी चलाने, तेज गति से दौड़ने (ओवरस्पीड) और ओवरलोडिंग समेत अन्य मामलों में जुर्माना बढ़ाया गया है। इसके अलावा देश में सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्‍मेदारी भी तय की गई है। हादसे का मुख्य जिम्मेदार सड़क इंजीनियरिंग को माना जाता है।