आवेदन शुरू होने से पहले ही कोर्ट में जा सकती हैं RAS-2021 भर्ती, दिव्यांगों के लिए नहीं रखी 4% आरक्षण के तहत सीट

आरपीएससी ने हाल ही 20 जुलाई को विज्ञप्ति जारी कर आरएएस-2021 के 988 पदों पर भर्ती की घोषणा की थी जिसमें 363 पद राज्य सेवा, 625 अधीनस्थ सेवाओं के हैं। इसकी आवेदन प्रक्रिया 28 जुलाई से होनी थी जिसे तकनिकी कारणों से आगे बढ़ा दिया गया और नई तारीख जल्द जारी करने की बात कही हैं। लेकिन इस बीच आवेदन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही यह प्रक्रिया कोर्ट में जा सकती हैं क्योंकि आरपीएससी की विज्ञप्ति के मुताबिक 988 कुल पदों में से इनमें दिव्यांगों के लिए 10 पद राज्य सेवा, 21 अधीनस्थ सेवाओं में रिजर्व हैं। जबकि विशेष योग्यजनों के लिए न्यूनतम 4% पद आरक्षण के नियम के तहत आरएएस-2021 में 39 पद का प्रावधान करना था। यानी राज्य सेवाओं के 363 पदों में से 14, अधीनस्थ सेवाओं के 625 में से 25 पद रिजर्व होने थे। अब मामला हाईकोर्ट में जा सकता है।

पदों का वर्गीकरण तो डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल करता है : सचिव

आरपीएससी सचिव शुभम चौधरी का कहना है कि आरपीएससी का काम पदों को विज्ञापित करने का है, वर्गीकरण करने का नहीं। इन पदों के वर्गीकरण का काम डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल का है। डीओपी से ही इसका मामले का सही जवाब मिलेगा। वहीं डीओपी के समक्ष स्तर के अधिकारियों ने कुछ भी बोलने इनकार कर दिया।

संसद के पारित निशक्त व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा-34 में सरकारी सेवाओं में निशक्त व्यक्तियों के लिए न्यूनतम 4% पद आरक्षित रखने का प्रावधान है। भारत संघ बनाम नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि आरक्षण की गणना चिह्नित और गैर चिह्नित दोनों पदों के आधार पर होगी। यानी आरक्षण कैडर क्षमता के आधार पर तय किया जाएगा। इसके बाद केंद्र ने भी 2017 में ऐसा ही कानून बनाया था।