केंद्र सरकार ने 2014 से लेकर अब तक गंगा सफाई में 3475.46 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। पिछले वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा 1625.11 करोड़ रुपये खर्च किए गए। लेकिन सरकार को नहीं पता कि अब तक गंगा कितने प्रतिशत साफ हुई है और एक केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में दावा कर दिया कि अगले साल मार्च तक 80 फीसदी गंगा साफ हो जाएगी।
सूचना के अधिकार के तहत ग्रेटर नोएडा के रामवीर सिंह को भेजे गए जवाब में जल संसाधन मंत्रालय ने साल दर साल खर्च का ब्योरा दिया है। आरटीआई में गंगा सफाई पर हुए खर्च के सवाल पर मंत्रालय ने सूचित किया कि केंद्र और राज्यों के कार्यक्रम के तहत 2014 से अब तक कुल 3475.46 करोड़ रुपये 2014 से खर्च किए गए हैं जबकि 5298.22 करोड़ रुपये जारी किए गए। इसमें 2014-15 में 170.99 करोड़ रुपये, 2015-16 में 602.60 करोड़ रुपये, 2016-17 में 1062.81 करोड़ रुपये और सर्वाधिक 2017-18 में 1625.11 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वित्त वर्ष 2018-19 में अब तक 13.95 करोड़ रुपये का खर्च नदी की सफाई में किया जा चुका है।
सफाई की स्थिति पूछे जाने पर मंत्रालय ने कह दिया कि यह सतत प्रक्रिया है। नदी को 2020 तक पूरी तरह से साफ करने की योजना के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने आरटीआई में पूछे गए पांच सवालों के जवाब में बताया कि नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत अब तक 100 सीवेज ढांचे और एसटीपी परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें से 20 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि अन्य में विभिन्न स्तरों पर काम चल रहा है।
गंगा के प्रति लोगों को जागरूक करने के अभियान के सवाल पर मंत्रालय ने कहा है कि कई अभियान और गतिविधियां चल रही हैं, जिसमें लोग हिस्सा ले रहे हैं। नमामी गंगे के तहत 16 कार्यक्रम बड़े पैमाने पर आयोजित कराए गए हैं।