उदयपुर : कोरोना की दूसरी लहर में पहली बार ऐसी सुखद तस्वीर, 221 ऑक्सीजन बैड और एक वेंटिलेटर खाली

कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण का विस्फोट देखा गया गया जहां आंकड़ों की भरमार रही। ऐसी स्थिति पैदा हुई कि ऑक्सीजन बैड और वेंटिलेटर सभी भरे हुए थे। लेकिन आज राहत की खबर सामने आई हैं जहां डेढ़ माह बाद राहत की खबर सामने आई हैं। शुक्रवार को 4 सरकारी और 11 निजी अस्पतालों में दूसरी लहर में पहली बार 221 ऑक्सीजन बैड खाली हुए। पहली बार ही 219 वेंटिलेटरों में से एक वेंटिलेटर भी खाली हुआ है। चार सरकारी कोविड हॉस्पिटलों में 31 ऑक्सीजन बैड खाली हुए हैं। बाकी 184 बैड निजी अस्पतालों के हैं। पिछले डेढ़ महीने से रोज 20-30 रोगी ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती होने के लिए वेटिंग में रहते थे। आरएनटी के 180 सहित सभी अस्पतालाें के 219 वेंटिलेटर हैं। इनमें से शर्मा हॉस्पिटल में एक वेंटिलेटर खाली हुआ है।

एक अप्रैल से इस महामारी ने फिर से कदम बढ़ाने शुरू किए थे। तभी से ऑक्सीजन की मारामारी शुरू हो गई थी। हालात ऐसे हो गए थे कि सरकारी अस्पतालों के बाहर भी ऑक्सीजन दिए जाने के लिए जगह नहीं थी। अब अस्पतालों को राहत की सांसें इसलिए मिली हैं क्योंकि शुक्रवार को 1781 मरीज ठीक होकर घर लौटे। पांच दिन से नए मरीज मिलने का आंकड़ा भी 500 के आसपास सिमटा हुआ है। राहत की बात यह है कि शुक्रवार को 1781 मरीज रिकवर हुए।

उदयपुर के 21 कोविड अस्पतालों में कोरोना संक्रमित 1008 और अन्य बीमारियों से ग्रसित 565 सहित 1573 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती हैं। अभी प्रति मरीज रोज औसत दो-ढाई सिलेंडर ऑक्सीजन के हिसाब से 4541 सिलेंडर की खपत होती थी। अब 221 मरीजों पर प्रतिदिन 2 सिलेंडर की बचत पर भी 442 सिलेंडर की बचत होने लगेगी। अभी गंभीर रोगियों को 15-16 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट सप्लाई है।