45 साल बाद चीन ने फिर दिया धोखा, LAC पर गलवान घाटी में भारत के 20 जवान शहीद

भारत को चीन ने 45 साल बाद फिर धोखा दिया है। सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में बातचीत करने गई चीन की सेना ने भारत की सेना पर हमला कर दिया। गोली एक भी नहीं चली, लेकिन चीन के सैनिकों ने पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से हमला बोल दिया। इसमें भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 जवान शहीद हो गए जबक‍ि चीन (China) को भी भारी नुकसान हुआ है। चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह झड़प दुनिया की दो एटमी ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई। उसी गालवन वैली में, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी। भारत ने चीन की तरफ हुई बातचीत इंटरसेप्ट की है। इसके मुताबिक, चीन के 43 सैनिक हताहत होने की खबर है, लेकिन चीन ने यह कबूला नहीं है। 20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे। इसके 45 साल बाद चीन बॉर्डर पर हमारे सैनिकों की शहादत हुई है। जो शहीद हुए हैं, उनमें 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू शामिल हैं। दो अन्य नामों की पुष्टि हुई है। ये हैं- हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा। बाकी नाम अभी सामने नहीं आए हैं।

एएनआई सूत्रों के अनुसार, LAC के पास चीनी हेलिकॉप्टरों का आना जाना बढ़ गया है। माना जा रहा है कि गलवान घाटी में भारत के साथ हुई हिंसक झड़प में भारी संख्‍या में चीनी सिपाही भी हताहत हुए हैं और हेलिकॉप्टरों की मदद से उन्हें ले जाया जा रहा है। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उससे बचा जा सकता था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना दृष्टिकोण जाहिर करते हुए भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि हमारी सारी गतिविधियां हमेशा LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं। हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं।'

अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत और चीन के बीच सैन्‍य और कूटनीतिक स्‍तर पर बातचीत जारी है। तनाव को कम करने की कोशिश की जा रही है। भारत और चीन के सीनियर कमांडरों के बीच 6 जून को बैठक हुई थी। इसके बाद ग्राउंड स्‍तर के कमांडरों के बीच कई बैठकें हुईं। उन्‍होंने कहा क‍ि इन सब बातचीत के बीच हमें उम्‍मीद थी कि सब अच्‍छा होगा।

बता दे, गलवार सुबह 7:30 बजे चीन की पहल पर ही गालवन वैली में मीटिंग बुलाई गई। इसमें दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई। दोपहर करीब 1 बजे हिंसक झड़प की खबर दुनिया के सामने आई। इसके बाद चीन ने अपना रुख बदल लिया। वह धमकाने वाले अंदाज में आ गया। कहा- अब भारत एकतरफा कार्रवाई न करे, नहीं तो मुश्किलें बढ़ेंगी। चीन के सरकारी अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया।