इस बार 1580 श्रद्धालु करेंगे कैलाश मानसरोवर की यात्रा, 500 नाथुला और बाकी 1080 लिपुलेख दर्रे के रास्ते पूरी करेंगे यात्रा

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज बताया कि इस बार 1580 श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे। इनमें से 50-50 श्रद्धालुओं वाले 10 जत्थे नाथुला दर्रा (सिक्किम) और 60-60 श्रद्धालुओं वाले 18 जत्थे पारंपरिक मार्ग लिपुलेख दर्रे (उत्तराखंड) के रास्ते अपनी यात्रा पूरी करेंगे।

सुषमा ने की थी चीनी समकक्ष से बातचीत

- विदेश मंत्रालय के मुताबिक, "सुषमा ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा था कि दोनों सरकारों के बीच संबंध तब तक समृद्ध नहीं हो सकते जब तक एक दूसरे देश के लोगों के बीच रिश्ते मजबूत न हों। पिछली यात्रा के दौरान नाथुला दर्रा जब बंद कर दिया गया था तो उससे लोगों को बहुत धक्का लगा था।"

- सुषमा स्वराज ने कहा कि मुझे इस बात की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नाथुला मार्ग को फिर से खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि दो देशों के बीच संबंध कभी नहीं सुधर सकते जब तक लोगों के बीच में आपसी संबंध नहीं सुधरेंगे।

- केंद्रीय मंत्री के अनुसार, हेल्पलाइन शुरू होने से श्रद्धालु यात्रा के दौरान कोई भी समस्या आने पर सीधे हमें सूचित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि जब सरकार दुनिया के किसी भी कोने में फंसे भारतीयों को निकाल लाती है तो मुसीबत में फंसे कैलास मानसरोवर के यात्रियों को कैसे नहीं निकाल नहीं लाएगी।

- उन्होंने कहा कि इसके अलावा हर दल के साथ दो अधिकारी भेजने का भी फैसला किया है, जिससे किसी आपात स्थिति में बीच में रुकने वाले लोगों की मदद के लिए एक अधिकारी रुक कर उनकी मदद कर सके। इन अधिकारियों में एक अनुभवी और एक नया होगा।

- बता दें कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा काफी कठिन मानी जाती है। इसका ड्रॉ निकलने से पहले श्रद्धालुओं की मेडिकल जांच की जाती है। 18 साल से अधिक और 70 वर्ष से कम उम्र के श्रद्धालु ही इस यात्रा पर जा सकते हैं।

भारतीय दूतावास ने जारी की थी एडवाइजरी

- 3 मई को काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने कैलाश मानसरोवर यात्रा करने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी की थी।