भारत में फंसे 137 पाकिस्तानीयों को मिली खुशियां, लौटे अटारी बॉर्डर के रास्ते अपने वतन

कोरोना के इस समय में लॉकडाउन की वजह से कई लोग विदेशों में फंस गए थे और सीमा बंद होने से अपने देश नहीं लौट पाए थे। भारत में भी कई पाकिस्तानी ऐसे थे जो यहीं फंस गए थे। ऐसे ही 137 पाकिस्तानीयों को मंगलवार को अपने वतन लौटने की खुशियां नसीब हुई हैं। वाघा-अटारी बॉर्डर, अमृतसर के प्रोटोकॉल अधिकारी एएसआई अरुणपाल सिंह ने यह जानकारी दी। इस दौरान एक पाकिस्तानी नागरिक ने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान सरकार के बहुत शुक्रगुजार हैं जिन्होंने हमें कोविड-19 के समय में भी बॉर्डर क्रॉस करने का मौका दिया।

इससे पहले सितंबर में अटारी सीमा के जरिए 354 भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए पाकिस्तान गए थे। ये सभी छात्र पाकिस्तान के अलग-अलग विश्वविद्यालय और कॉलेजों में पढ़ाई करते हैं। लॉकडाउन में देश के अलग-अलग शहरों में फंसे पाकिस्तानी मूल के 74 नागरिक भी अटारी-वाघा सीमा के रास्ते वतन लौट गए। पाकिस्तान में 10 सिंतबर से कॉलेज और विश्वविद्यालयों को खोलने की घोषणा की गई है। इस दौरान अभिभावक अपने बच्चों को छोड़ने अटारी सड़क सीमा पर पहुंचे।

पाकिस्तान जाने वाले विद्यार्थियों में लड़कियों की संख्या अधिक थी। केंद्र सरकार ने इन्हें दो दिन पहले ही पाकिस्तान जाने की मंजूरी दी है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की एक छात्रा माहिरा खान ने कहा कि घर छोड़कर जाना अच्छा तो नहीं लगता लेकिन पढ़ाई के कारण पाकिस्तान जाना पड़ रहा है। अक्तूबर में छह माह से भारत में फंसे पेशावर और इस्लामाबाद के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 315 कश्मीरी छात्र पाकिस्तान गए थे। इनमें से अधिकतर छात्र पाकिस्तान में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस कर रहे हैं। साथ ही 100 से अधिक पाकिस्तानी नागरिक भी वतन लौट गए।