अमेरिका : 13 साल के किशोर की कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के बाद हुई मौत

कोरोना पर लगाम लगाने के लिए कोरोना वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी हैं। लेकिन लोगों में कोरोना वैक्सीन को लेकर कई भ्रम हैं। कोरोना वैक्सीन सुरक्षित हैं और इससे किसी प्रकार का खतरा नहीं हैं यह बात सभी को बताई जा रही हैं। लेकिन अमेरिका में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया जहां 13 साल के किशोर की कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के बाद मौत हो गई। रोग नियंत्रण और रोकथाम के केंद्र (CDC) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक जैकब जिल्वौकी एलीमेंट्री का छात्र था। एक मृत्युलेख में उसे 'कई वर्षों तक चर्च के युवा समूह का एक वफादार और सक्रिय सदस्य' होने के रूप में वर्णित किया गया है। जैकब को गेमिंग और पोकेमॉन से भी प्यार था और वह अपने सेंस ऑफ ह्यूमर के लिए जाना जाता था। जैकब की मौत की जांच अब सीडीसी कर रही है।

किशोर की आंटी टैमी बुर्जेस ने बताया कि जैकब क्लाइनीक वैक्सीन लेने से पहले पूरी तरह स्वस्थ था, उसे पहले से किसी तरह की बीमारी नहीं थी। उसने 13 जून को जिल्वौकी के वालग्रीन्स में फाइजर वैक्सीन की दूसरी खुराक ली थी। उन्होंने 'द डेट्रॉइट फ्री प्रेस' को बताया कि जैकब ने टीका लेने के बाद जिन दुष्प्रभावों का अनुभव किया था, वे थकान और बुखार थे, जिन्हें सामान्य माना जाता है। बुर्जेस ने कहा कि उसने 15 जून को पेट में दर्द की शिकायत की और बिस्तर पर चला गया, जहां उसकी नींद में ही मौत हो गई। जैकब के शव परीक्षण किया गया था, लेकिन उसकी मौत का आधिकारिक कारण अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है।

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे लेकर बहस हो रही है कि क्या बच्चों को कोरोना वायरस का टीका लगाया जाना चाहिए? सीडीसी सलाहकार समूह ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद किशोरों और युवा वयस्कों के दिल में सूजन के मामलों और फाइजर और मॉडर्ना कोविड-19 टीकों के बीच एक 'संभावित लिंक' है, इसे लेकर हम जांच कर रहे हैं। बुर्जेस ने कहा, 'अगर ऐसे कारक हैं जो कुछ बच्चों के लिए टीकाकरण को जोखिम भरा बना सकते हैं, तो मुझे उम्मीद है कि स्वास्थ्य अधिकारी यह पता लगा सकते हैं कि वे क्या हैं।'