2027 में कब और कैसे होगी जनगणना?, केंद्र सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए देश की अगली जनगणना वर्ष 2027 में आयोजित करने का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। इस उद्देश्य से गृह मंत्रालय द्वारा एक नवीनतम अधिसूचना जारी की गई है, जो कि जनगणना की पूरी रूपरेखा को स्पष्ट करती है।

देश के अधिकांश क्षेत्रों में जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि को आधार तिथि (Reference Date) निर्धारित की गई है। हालांकि, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे ठंडे और बर्फबारी से प्रभावित क्षेत्रों के लिए यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 रखी गई है। इस निर्णय के पीछे इन क्षेत्रों की प्राकृतिक परिस्थितियों और पहुंच में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखा गया है।

यह नई अधिसूचना वर्ष 2019 में जारी पुराने आदेश को रद्द करते हुए लागू की गई है। सरकार की इस पहल से देश की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, आवासीय ढांचे, और संसाधनों से संबंधित अहम आँकड़े एकत्र किए जाएंगे। यह जानकारी नीति निर्माण, योजनाओं के निर्धारण और क्रियान्वयन में एक प्रमुख आधार बनेगी।

2027 में भी दो चरणों में होगी जनगणना प्रक्रिया, जानिए पूरा तरीका

साल 2027 में प्रस्तावित जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जैसा कि वर्ष 2011 में किया गया था।

- पहला चरण, जिसे मकान सूचीकरण या House Listing कहा जाता है, में प्रत्येक घर की भौतिक स्थिति, सुविधाओं की उपलब्धता, और संपत्ति से संबंधित विवरण एकत्र किए जाएंगे।

- दूसरे चरण में होगी वास्तविक जनगणना, जिसमें व्यक्ति की आयु, लिंग, शिक्षा, व्यवसाय, सामाजिक स्थिति, आदि की जानकारी ली जाएगी।

इस दो-स्तरीय प्रणाली से सरकार को देश के जनजीवन की समग्र तस्वीर मिलेगी जिससे नीतियों को अधिक लक्षित और प्रभावी ढंग से तैयार किया जा सकेगा।

हर 10 साल में होती है जनगणना, जानिए कौन करता है संचालन

भारत में हर दस वर्षों में एक बार जनगणना कराई जाती है। इसका उद्देश्य देश की आबादी और सामाजिक-आर्थिक संरचना को समझना है। जनगणना की संपूर्ण जिम्मेदारी गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत पंजीयक सामान्य एवं जनगणना आयुक्त (Registrar General & Census Commissioner) के कार्यालय पर होती है।

इस प्रक्रिया में देशभर के लाखों शासकीय कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जो घर-घर जाकर व्यक्तिगत और पारिवारिक जानकारी जुटाते हैं। यह प्रक्रिया बेहद व्यापक और महत्वपूर्ण होती है, जिसमें डिजिटल तकनीक और एप आधारित डाटा संग्रहण जैसे आधुनिक तरीकों का उपयोग भी किया जाता है।