'खोदा पहाड़ निकली चुहिया', पीएम मोदी के राष्ट्र संबोधन पर सपा का तंज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 सितंबर की शाम 5 बजे देश को संबोधित किया। यह संबोधन जीएसटी की नई दरें लागू होने से पहले किया गया था। पीएम ने इसमें जीएसटी सुधारों के लाभ गिनाते हुए कहा कि इससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने स्वदेशी को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाने की अपील भी की।

लेकिन उनके इस भाषण पर समाजवादी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। सपा के पूर्व राज्यमंत्री और आज़मगढ़ से नेता आईपी सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पीएम मोदी को निशाने पर लिया। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा – “खोदा पहाड़, निकली चुहिया” और कहा कि प्रधानमंत्री का संबोधन उम्मीदों के विपरीत रहा।

आईपी सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे लिखा कि पीएम मोदी गब्बर सिंह टैक्स यानी जीएसटी को कुछ ‘काट-छांट’ का नाम दे रहे हैं, लेकिन खुद स्वदेशी के इस्तेमाल को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। सपा नेता की यह टिप्पणी अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है और विपक्ष ने इसे लेकर नया हमला बोल दिया है।

पीएम मोदी का भाषण और स्वदेशी पर ज़ोर

प्रधानमंत्री मोदी ने 19 मिनट के संबोधन में कहा कि जीएसटी 2.0 से आम लोगों को बड़ा लाभ होगा। उन्होंने बताया कि आयकर छूट सीमा और जीएसटी सुधारों की वजह से जनता को करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। साथ ही उन्होंने हर नागरिक से अपील की कि विदेशी सामानों से दूरी बनाएं और गर्व के साथ भारतीय उत्पादों को अपनाएं।

पीएम मोदी ने कहा – “हर घर स्वदेशी का प्रतीक बने। हमें गर्व से कहना होगा कि हम स्वदेशी खरीदते हैं। केवल तभी भारत आत्मनिर्भर बनेगा और तेजी से विकास करेगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की तरक्की तभी संभव है जब हर राज्य आत्मनिर्भर बने और भारत समग्र रूप से विकास की राह पर आगे बढ़े।

सपा का पलटवार

प्रधानमंत्री के इन दावों के जवाब में सपा नेता आईपी सिंह ने कहा कि यह संबोधन केवल शब्दों का खेल था, जिसमें ठोस कदमों की झलक नहीं दिखी। उनके मुताबिक जनता उम्मीद कर रही थी कि पीएम बड़े सुधारों की घोषणा करेंगे, लेकिन अंत में यह भाषण केवल “जुमलों” तक सीमित रहा।

इस तरह, पीएम मोदी के राष्ट्र संबोधन ने जहां भाजपा समर्थकों को आत्मनिर्भर भारत का संदेश दिया, वहीं विपक्ष ने इसे खोखला करार देते हुए सवाल उठाए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी बहस किस तरह आगे बढ़ती है।