भारत और रूस के शीर्ष नेताओं की शुक्रवार को हुई बैठक में वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य पर चर्चा हुई। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि वर्तमान गति और आपसी सहयोग को देखते हुए यह लक्ष्य निर्धारित समय से पहले ही हासिल किया जा सकता है।
पीएम मोदी राष्ट्रपति पुतिन के साथ भारत-रूस बिजनेस फोरम को संबोधित कर रहे थे। इस फोरम में लगभग 150 प्रमुख उद्योगपति और दोनों देशों की सरकारों के आर्थिक मामलों के मंत्री भी मौजूद थे।
बैठक के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने अपने-अपने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दोनों देशों के निवेश और व्यापार से जुड़ी परियोजनाओं में अनावश्यक अड़चनों को तुरंत दूर किया जाए। इससे निवेश प्रक्रिया और तेज़ होगी और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती मिलेगी।
पीएम मोदी ने रूसी उद्योगपतियों से भी आह्वान किया कि वे भारत आएं और ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में भागीदार बनें। उन्होंने कहा, “हमने 100 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है, लेकिन राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता और दोनों देशों की विशाल संभावनाओं को देखते हुए मुझे पूरा भरोसा है कि यह लक्ष्य तय समय से पहले पूरा हो जाएगा।”
इसके अलावा, भारत और रूस सहित यूरेशियन आर्थिक संघ (EAEU) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की प्रक्रिया से भी द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि की संभावनाएं और मजबूत होंगी। इसके लिए बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है।
यूरेशियन आर्थिक संघ के पांच सदस्य हैं – रूस, बेलारूस, अर्मेनिया, कजाखस्तान और कर्गिजस्तान। राष्ट्रपति पुतिन ने भी अपने संबोधन में भारत और EAEU के बीच शीघ्र FTA को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस बैठक ने भारत-रूस आर्थिक सहयोग को नई दिशा दी है और निवेश एवं व्यापारिक अवसरों को और विस्तार देने की संभावनाओं को मजबूत किया है।