इमरान प्रतापगढ़ी का मशहूर शेर— “बड़ी हैरत है वो जो एक भी पैदा न कर पाए, वो हर भाषण में कहते हैं कि बच्चे चार पैदा कर”—इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब गूंज रहा है। वजह है बीजेपी सांसद नवनीत राणा का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने हिंदुओं को चार बच्चे पैदा करने की सलाह दी। दिलचस्प बात यह है कि खुद नवनीत राणा दो बच्चों की मां हैं, और इसी विरोधाभास को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें घेरने लगे हैं। कई लोगों का कहना है कि जो नेता खुद इस सलाह पर अमल नहीं करते, वे दूसरों को इस तरह की नसीहत कैसे दे सकते हैं।
नवनीत राणा का बयान और मचा बवालदरअसल, कुछ दिन पहले अमरावती से लोकसभा सांसद नवनीत राणा का एक वीडियो और बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इसमें उन्होंने एक समुदाय का जिक्र करते हुए कहा था कि जब कुछ लोग चार बीवियां और 19 बच्चों की बात करते हैं, तो हिंदुओं को भी कम से कम चार बच्चे पैदा करने चाहिए। यह बयान सामने आते ही इंटरनेट पर तीखी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई यूजर्स ने इसे गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ करार दिया।
लोगों का तर्क था कि एक ओर देश पहले से ही जनसंख्या वृद्धि जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि इस तरह की सलाह देकर हालात को और उलझाने का काम कर रहे हैं। खास तौर पर युवाओं और पढ़े-लिखे वर्ग ने इस बयान पर नाराजगी जताई।
सोशल मीडिया पर सवालों की झड़ीनवनीत राणा का बयान वायरल होते ही ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर यूजर्स ने खुलकर प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, “मैडम, पहले ये बताइए कि आपके खुद के कितने बच्चे हैं?” वहीं दूसरे ने सवाल उठाया, “अब ये भी नेता तय करेंगे कि हमें कितने बच्चे पैदा करने हैं?”
कुछ यूजर्स ने सांसद के रोल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उन्हें जनता ने विकास और समस्याओं के समाधान के लिए चुना है, न कि समाज को बांटने वाले बयान देने के लिए। एक टिप्पणी में लिखा गया, “आप दो बच्चों की मां हैं, तो पहले खुद अपनी बात पर अमल करिए, फिर दूसरों को सलाह दीजिए।”
नेताओं की जिम्मेदारी पर उठे सवालइस पूरे विवाद ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि सार्वजनिक पदों पर बैठे नेताओं को अपने बयानों में कितनी सावधानी बरतनी चाहिए। सोशल मीडिया पर कई लोगों का मानना है कि ऐसे बयान समाज में तनाव बढ़ाने के अलावा कुछ हासिल नहीं करते। खासकर तब, जब देश पहले से ही बेरोजगारी, महंगाई और जनसंख्या जैसी समस्याओं से जूझ रहा हो।
कुल मिलाकर, नवनीत राणा का बयान जहां एक तरफ चर्चा का विषय बना, वहीं दूसरी ओर यह उनके लिए आलोचना और मजाक का कारण भी बन गया। सोशल मीडिया यूजर्स ने साफ कर दिया कि विरोधाभासी सलाह देने वाले नेताओं को अब बिना सवालों के नहीं छोड़ा जाएगा।