'हम बहुत छोटे लोग हैं, हमारी कोई औकात नहीं', चीन में भारतीय व्लॉगर को 15 घंटे तक हिरासत में रखा, न खाना मिला न पानी

‘ऑन रोड इंडियन’ के नाम से पहचान बनाने वाले भारतीय व्लॉगर अनंत मित्तल ने चीन में अपने साथ हुए डरावने अनुभव का खुलासा किया है। अरुणाचल प्रदेश से जुड़े एक वीडियो पर की गई टिप्पणी के बाद चीनी अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। अनंत ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा कर बताया कि 16 नवंबर को उन्हें करीब 15 घंटे तक रोके रखा गया, इस दौरान न तो उन्हें ढंग से जानकारी दी गई और न ही खाने-पानी की सुविधा मिली। लंबी पूछताछ और मानसिक दबाव के बाद अंततः उन्हें रिहा किया गया।

राजनीति से कोई नाता नहीं, सिर्फ अपनी बात रखी थी

अनंत मित्तल ने स्पष्ट किया कि उनका किसी भी राजनीतिक संगठन या एजेंडे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि न तो उनके मन में किसी के प्रति नफरत है और न ही वे किसी देश या सरकार के खिलाफ हैं। उनका दावा है कि वे केवल अपने नजरिए से दुनिया को दिखाते हैं और लोगों तक अपनी भावनाएं पहुंचाते हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि उनकी मंशा कभी गलत नहीं रही और वे सभी के प्रति सम्मान और प्रेम रखते हैं।

पूर्वोत्तर से गहरा रिश्ता, भावनाओं में बनाया वीडियो

व्लॉगर ने बताया कि उन्होंने पूर्वोत्तर भारत में करीब तीन साल तक पढ़ाई की है, जिसके चलते इस क्षेत्र से उनका गहरा भावनात्मक जुड़ाव है। जब उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के एक नागरिक को चीन में हिरासत में लिए जाने की खबर सुनी, तो वे बेहद आहत हो गए। इसी भावना में उन्होंने एक वीडियो बनाया था। अनंत ने पुष्टि की कि वे सुरक्षित भारत लौट आए हैं और पूरे घटनाक्रम को विस्तार से अपने यूट्यूब चैनल पर साझा किया है।

दबाव में नहीं था वीडियो, अगर ठेस पहुंची हो तो माफी

अनंत का कहना है कि उन्होंने जो वीडियो बनाया, वह किसी दबाव में नहीं था, बल्कि उनकी सच्ची भावनाओं की अभिव्यक्ति था। उन्होंने कहा कि यदि अनजाने में किसी को ठेस पहुंची हो तो वे इसके लिए माफी मांगते हैं। अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी वैश्विक ताकतों के सामने एक आम इंसान बहुत छोटा होता है। अपने वीडियो में उन्होंने चीन में बिताए हर उस पल का जिक्र किया है, जिसने उन्हें भीतर तक डरा दिया।

चीन पहुंचते ही रोके गए, पासपोर्ट पर लगा अलर्ट

अनंत ने बताया कि जैसे ही वे चीन में दाखिल हुए, आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। उनके पासपोर्ट पर एक स्टिकर लगाया गया, जिससे सिस्टम में अलर्ट सक्रिय हो गया। इसके बाद एक अधिकारी उन्हें हिरासत में ले गया, जहां कई अन्य विदेशी नागरिक भी मौजूद थे। करीब दो घंटे तक किसी ने उनसे कुछ नहीं कहा, तभी उन्हें स्थिति की गंभीरता का एहसास हुआ और डर सताने लगा।

फोन और कैमरा जब्त, रिकॉर्डिंग पर रोक

कुछ समय बाद चीनी अधिकारी उन्हें एक अलग कमरे में ले गए और उनका मोबाइल फोन व कैमरा जब्त कर लिया गया, ताकि वे कुछ भी रिकॉर्ड न कर सकें। हालांकि अधिकारी उनका आईपैड जांचना भूल गए, जिसकी मदद से अनंत ने गुपचुप तरीके से वीडियो रिकॉर्ड किया। वीडियो में वे कहते नजर आए कि घंटे बीतते जा रहे हैं, लेकिन उन्हें न तो कोई वजह बताई जा रही है और न ही आगे क्या होगा, इसकी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें प्यास लग रही थी और मन में अनहोनी का डर बैठ गया था।

खाने के लिए मिन्नतें, पानी भी बहुत देर बाद मिला

व्लॉगर के मुताबिक, कई घंटों बाद उन्हें सिर्फ एक बार पानी दिया गया। उन्होंने बार-बार खाने की मांग की, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। इस तरह 12 से 13 घंटे गुजर गए। उन्हें महसूस होने लगा कि अरुणाचल प्रदेश से जुड़े वीडियो में हिरासत में लिए गए व्यक्ति का समर्थन करने की वजह से ही उन्हें यह सब झेलना पड़ रहा है। अनंत ने बताया कि उस दौरान उन्हें डर था कि शायद वे कभी भारत वापस नहीं लौट पाएंगे।

‘हम बहुत छोटे लोग हैं’—दूतावास से समझ की उम्मीद
अनंत मित्तल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारतीय और चीनी दूतावास उनकी स्थिति और डर को समझेंगे। उन्होंने अरुणाचल से जुड़ा वीडियो पोस्ट करने की जिम्मेदारी खुद पर ली और कहा कि आम लोग बड़ी शक्तियों के सामने बेहद असहाय होते हैं। उनकी जुबान पर यही शब्द थे—“हम बहुत छोटे लोग हैं, हमारी कोई औकात नहीं।”