लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कांग्रेस सांसदों की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें शशि थरूर शामिल नहीं हुए। यह तीसरी बार है जब थरूर इस तरह की बैठक में अनुपस्थित रहे, जिससे पार्टी में उनके और नेतृत्व के बीच संबंधों को लेकर चर्चाओं ने गति पकड़ ली है।
राहुल गांधी की अध्यक्षता में रणनीति बैठकसूत्रों के अनुसार यह बैठक संसद भवन की एनेक्सी एक्सटेंशन बिल्डिंग में आयोजित की गई थी। इसमें शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष की रणनीति, सरकार को घेरे जाने वाले मुद्दे और सांसदों की एकजुटता पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में कांग्रेस के लगभग सभी सांसद मौजूद रहे, लेकिन शशि थरूर की अनुपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में नई अटकलों को जन्म दिया।
सोशल मीडिया पर मिली जानकारी के अनुसार, थरूर शुक्रवार को कोलकाता में एक इवेंट में व्यस्त थे, इस वजह से वे दिल्ली में बैठक में शामिल नहीं हो पाए।
मनीष तिवारी भी रहे गायबइस बैठक में थरूर के अलावा चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी भी अनुपस्थित रहे। उनकी गैरमौजूदगी का कारण स्पष्ट नहीं हो सका, लेकिन इस घटना ने यह संकेत दिया कि पार्टी में कुछ अंदरूनी असंतोष या खींचतान मौजूद हो सकती है।
थरूर की पिछली बैठकों से दूरीगौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब थरूर पार्टी की बैठक से दूरी बनाए रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने दो बार ऐसी बैठकों में हिस्सा नहीं लिया था। 1 दिसंबर को थरूर ने साफ किया था कि उन्होंने कांग्रेस स्ट्रेटेजिक ग्रुप की मीटिंग जानबूझकर नहीं छोड़ी थी, बल्कि वे केरल लौटती फ्लाइट में होने के कारण शामिल नहीं हो सके थे।
शशि थरूर के लगातार अनुपस्थित रहने और मनीष तिवारी की बैठक में गैरमौजूदगी ने कांग्रेस के भीतर रणनीतिक और सियासी समीकरणों पर नई बहस शुरू कर दी है। पार्टी के नेताओं और राजनीतिक विश्लेषकों की नजर अब इस पर टिकी है कि आगे आने वाले दिनों में इन सांसदों और नेतृत्व के बीच संबंध किस दिशा में जाएंगे।