हर पेरेंट्स अपने बच्चों को खूब लाड और प्यार देते हैं और कोशिश करते हैं कि उनकी हर इच्छा को पूरा किया जाए। लेकिन कई बार इस चाहत में उनकी परवरिश में कुछ गलतियां कर बैठते हैं जिसके भविष्य में गलत परिणाम सामने आ सकते हैं। बच्चों के यदि अच्छी परवरिश न दी जाए तो यह उन्हीं के लिए घातक साबित होता है। बच्चे के लिए प्यार-दुलार बहुत जरूरी होता है, लेकिन वो कहते हैं ना कि जरूरत से ज्यादा कोई भी चीज नुकसान ही करती हैं। ऐसे में आज हम आपको जरूरत से ज्यादा लाड-प्यार यानी ओवरपेरेंटिंग की कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें पेरेंट्स को तुरंत छोड़ देना चाहिए। आइये जानते हैं उन आदतों के बारे में...
बार-बार तारीफ न करेंआपने भी देखा होगा कुछ माता-पिता दूसरों के आगे और खुद बच्चे के आगे ही उसकी खूब तारीफ करते हैं। वैसे तो तारीफ करना अच्छी बात है, लेकिन वह समय पर ही सही रहती है। बार-बार और ज्यादा तारीफ करने से बच्चे को तारीफ सुनने की आदत पड़ जाती है और उनकी बुराई सुनने की आदत खत्म हो जाती है। सिर्फ तारीफ सुनने की आदत से बच्चे का मनोबल कम हो जाता है।
बच्चों से नहीं करवाते कोई कामबच्चों को आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बनाने के लिए आपको उनसे घर के काम और अन्य एक्टिविटी करवानी होंगी। अगर आप बच्चों से कुछ काम नहीं करवाएंगी, तो उन्हें जिंदगी के कुछ गुर सीखने को ही नहीं मिलेंगे और इसका असर बच्चों के भविष्य पर भी पड़ेगा। अपने बच्चों को कुछ गलतियां करने का मौका दें ताकि वो अपनी गलतियों से कुछ सीख सकें और आगे बढ़ सकें।
बिना मदद मांगे उनका काम करना यह बात हमेशा ध्यान में रखें कि हर किसी को अपनी जिंदगी की जंग खुद ही लड़नी पड़ती है। यह बात थोड़ी फिल्मी जरूर है, लेकिन यह पूरी तरह से सच है। इसलिए जब तक बच्चा आपको मदद के लिए न बुलाए तब तक आगे न आएं। अक्सर मां-बाप अपने बच्चे की छोटी-छोटी परेशानियों में भी उनकी हेल्प करने के लिए उतावले हो जाते हैं और ऐसा करके आप उन्हें फ्यूचर के लिए कमजोर बना रहे हैं। उन्हें चीजें सीखने दें और कोशिश करने दें।
कुछ भी मांगने से पहले ही विश पूरी करना पैरेंट्स बच्चों को लाड प्यार के चक्कर में कई बार खुद से ही उन्हें चीजें लाकर दे देते हैं। इन सब चीजों से बच्चों को यह लगता है कि उन्हें किसी भी चीज को मांगने की जरुरत नहीं है क्योंकि माता-पिता उनके बिना बोले ही उनकी सारी इच्छाएं पूरी कर देते हैं। यह चीजें भी बच्चे के ऊपर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। आप बच्चे के बिना बोले कोई भी चीज उन्हें न दें। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि वहीं चीजें उन्हें दें जो उनके लिए सही हो और जिसकी उन्हें जरुरत हो।
बच्चे से जरूरत से ज्यादा उम्मीदें लगानाहर माता-पिता के अपने बच्चे के प्रति बहुत सपने होते हैं और कोई चाहता है कि उनका बच्चा उनकी उम्मीदों पर खरा उतरे। अपने बच्चे से बहुत ज्यादा उम्मीद रखना भी ओवर पेरेंटिंग का ही संकेत है और इससे बच्चे से दिमाग पर दबाव तो पड़ता है ही साथ ही वह चिड़चिड़ा भी हो जाता है। इसलिए आपके द्वारा की जा रही उम्मीदें बच्चे के लिए भी जायज होनी चाहिए और उस पर उनका कोई दबाव नहीं होना चाहिए।
हर जिद पूरी करनायह ओवर-पेरेंटिंग का सबसे बड़ा साइन है। देखा गया है कि मां-बाप अक्सर अपने लाडले बच्चे की सारी जिद पूरी करने लग जाते हैं। उन्हें उनकी जरूरत की चीज और वे चीजें देना जरूरी है जिनसे उन्हें अच्छा लगे। लेकिन हर एक जिद पूरी करने से भी आपका बच्चा बिगड़ सकता है। क्योंकि जो चीज बच्चे को आसानी से मिल पाती है, तो वे उसका महत्व नहीं समझते हैं। इसलिए जरूरी है कि उसकी सारी जिद पूरी न की जाए, ताकि वे चीजों की वैल्यू करना सीखें।
हद से ज्यादा चिंता करनाबच्चे अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने या लंच या डिनर पर जाते ही हैं लेकिन उनके घर से बाहर कदम रखने पर अगर आपके दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं, तो यह ओवर पेरेंटिंग का संकेत है। इससे बच्चा परेशान और चिड़चिड़ा हो सकता है। ये चीजें बच्चे को परेशान कर देती हैं और इस कारण से वह बिगड़ने लगता है। जिस प्रकार मां-बाप का बच्चे के लिए बहुत ज्यादा प्यार जताना ठीक नहीं है, उसी प्रकार बहुत ज्यादा चिंता करके दिखाना भी बच्चा नकारात्मक रूप से प्रभावी हो सकता है।
बच्चों को खुद फैसला लेने की इजाजत देना पैरेंट्स कई बार बच्चों को कुछ कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए उन्हें कुछ ऑप्शन देना शुरु कर देते हैं। बच्चों को अपने फैसले लेने के लिए भी प्रेरित करते हैं। अपने खुद के फैसले लेने से बच्चों में समझ तो आती है लेकिन फिर वह किसी भी परिस्थिति का सामना करने से पहले और किसी भी दूसरे व्यक्ति के साथ स्थिति संभालने की जगह कोई दूसरा ऑप्शन चुनने लग जाते हैं।