आपका बच्चा अकेला जाता है स्कूल, इस तरह सिखाए उन्हें ट्रैफिक रूल्स

हर माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजते समय उनके लिए फिक्रमंद रहते हैं। इसके लिए अगर वे स्कूल बस का चुनाव करते हैं तो उसके ड्राईवर की पूरी जांच-पड़ताल और पूछताछ करते है ताकि उनके बच्चों को पूरी सुरक्षा मिल सकें। लेकिन अगर आपका बच्चा पैदल चलता है, तो आपकी जिम्मेदारी बनती है कि उनको ट्रैफिक रूल्स का ज्ञान कराया जाए ताकि उनकी किसी गलती की वजह से उनके साथ कोई हादसा ना हो जाए। तो आइये जानते हैं कैसे अपने बच्चों को फिक नियमों की जानकारी दी जाए।

* ध्यान रखें कि आपके बच्चे एक ही रूट से प्रतिदन आएं-जाएं और वह रास्ता सुरक्षा की दृष्टि से भी सही होना चाहिए। उन्हें ऐसे रास्ते से भेजें जिसमें सड़क पर कम-से -कम क्रासिंग हो ताकि उन्हें बार-बार सड़क पार ना करनी पड़ी।

* किसी भी तरह का गैजेट जैसे मोबाइल, वीडियो गेम, टैबलेट एवं आई पैड इत्यादि उन्हें देंने से बचें ताकि बच्चे सड़क पर फोन पर बात करते हुए, गाने सुनते हुए या गेम खेलते हुए किसी दुर्घटना का शिकार ना हों।

* अपने बच्चों को सुरक्षा नियमों का पालन करने को कहें। चाहे वे पैदल जाते हों या वैन एवं बस में उन्हें पता होना चाहिए कि वैन में कैसे बैठना है। यदि आगे की सीट पर बैठ हैं तो बैल्ट लगा कर बैठें। सड़क पार कर रहे हैं सिग्नल देख कर करें। अपने बच्चों को लाल, हरी और पीली बत्ती का फर्क समझाएं।

* दस साल से कम उम्र के बच्चों के साथ किसी बड़े का होना जरूरी है। उन्हें कभी भी सड़क पर अकेले ना छोड़ें। जब तक कि उनमें सड़क नियमों को समझने की परिपक्वता ना आ जाएं।

* अपने बच्चों को अजनबियों से सावधान रहने को कहें। उन्हें समझाएं किसी भी अजनबी से कोई भी गिफ्ट, टॉफी या खाने की चीज ना लें और ना ही उनके साथ कहीं जाएं।

* बच्चों को समझाएं कि सड़क के किनारे से सिग्नल को देखकर और जेब्रा क्रासिंग पर ही सड़क पार करें।

* बच्चों को बताएं कि बस से उतरने के बाद हमेशा उसके सामने से ही जाएं ताकि ड्राइवर उन्हें जाते हुए देख सके। ड्राइवर को भी बस या वैन को ओवरलोड करने से मना करें।

* बच्चों को समझाएं कि कभी भी सड़क पर मस्ती-मजाकर करते हुए दौड़ ना लगाएं। कार पार्किंग के बीच में ना भागें। ऐसा करना उनके साथ-साथ ड्राइवर के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।

* अपने बच्चों को अपने मोबाइल और घर के नंबर, घर का पता, स्कूल का पता याद करवा दें ताकि जरूरत पड़ने पर या किसी मुसीबत में वे आपसे संपर्क कर सकें।

* यदि आपके बच्चे बाइक, स्कूटर या स्केट बोर्ड से स्कूल जाते हैं तो उन्हें हैलमेट पहनने को जरूर कहें। उनकी सुरक्षा करने के लिए ध्यान दें कि वे इसका पालन कर रहे हैं या नहीं।